सिद्धार्थ विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन कराने के लिए कसी कमर

kapilvastupost reporter

सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर नैक में जाने हेतु नैक मूल्यांकन कराने के संबंध में नैक कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर देवेश कुमार की अध्यक्षता में बैठक आहूत हुई। बैठक को संबोधित करते हुए नैक समन्वयक प्रोफेसर देवेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद का मुख्य उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करना है।

इस हेतु समय-समय पर राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा उच्च शिक्षण संस्थाओं का मूल्यांकन किया जाता है। उन्होंने कहा कि यद्यपि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु अभी नया है बहुत से विभागों में तो इस सत्र में कक्षा चलाने की योजना बनी है क्योंकि शिक्षकों की नियुक्ति अभी हुई है। कुछ विभागों में 1 वर्ष पूर्व से कक्षाएं चल रही हैं और अभी भी कुछ विभाग में नियुक्ति नहीं हुई है।

ऐसे में नैक कराने की एक बड़ी चुनौती विश्वविद्यालय के समक्ष रहेगी। फिर भी सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालयने नैक में जाने की योजना बनाई है। शासन स्तर पर भी विशेषकर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल भी लगातार प्रदेश के विश्वविद्यालयों में यथाशीघ्र नैक हो, इस हेतु निरंतर बैठक कर रही हैं, निर्देश दे रही हैं कार्यशाला आयोजित राजभवन में हो रही हैं।

उन्होंने कहा कि किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान की विकास यात्रा में उन्नति और प्रगति का मार्ग राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद का विशेष भूमिका होती है। नैक विश्वविद्यालय का विजन एवं मिशन होना चाहिए। मिसनरी और विजनरी भाव से सर्वोत्तम परिणाम प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसी बड़े काम को करने के लिए संगठनात्मक रूप से और समूहभाव से उद्देश्य की प्राप्ति के लिए कृत संकल्पित होना बहुत आवश्यक होता है।

आज की बैठक का यही विशेष उद्देश्य है कि सभी शिक्षक और संपूर्ण विश्व विद्यालय परिवार अपनी संपूर्ण क्षमता के साथ नैक कराने के लिए कृत संकल्पित हो। इस हेतु सत प्रतिशत एफर्ट करना आवश्यक है। नैक के माध्यम से शिक्षकों कर्मचारियों विद्यार्थियों के गुणवत्ता में तो सुधार होता ही होता है साथ ही अभिभावक और सामाजिक दायित्व का भी पूर्ण रूप से विश्वविद्यालय को निर्माण करना होता है।

उच्च शिक्षण संस्थान से समाज की अपेक्षा होती है कि वह अपने आसपास के क्षेत्रों को भी विकसित करने में अपना योगदान दें। इस दृष्टि से सामाजिक दायित्व का काम विश्वविद्यालय का महत्वपूर्ण होता है। इन सब उद्देश्यों को पूरा करने हेतु कुलपति प्रोफेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय ने तैयारी करनी प्रारंभ कर दी है।

जल्द ही राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद में विश्वविद्यालय अपना पंजीकरण कराने के लिए कृत संकल्पित है। राष्ट्रीय मूल्यांकन तथा प्रत्यायन परिषद द्वारा मूल्यांकन कराने के लिए विश्वविद्यालय में नैक के मानक के अनुसार क्राइटेरिया निर्धारित किए गए हैं और प्रत्येक क्राइटेरिया के एक-एक प्रभारी बनाए गए हैं तथा उनके साथ शिक्षकों की टीम लगाई गई है।

बैठक में प्रमुख रूप से अधिष्ठाता कला संकाय प्रोफेसर हरीश कुमार शर्मा, प्रोफेसर प्रकृति राय, डॉक्टर नीता यादव, डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ सत्येंद्र दुबे, डॉ सुनीता त्रिपाठी, डॉक्टर अखिलेश, डॉक्टर शिवम, डॉक्टर हृदय कांत, डॉ अमित साहनी, डॉ प्रदीप, डॉ कपिल गुप्ता, डॉक्टर देवबाग सिंह, डॉक्टर नीरज सिंह, डॉक्टर जय सिंह यादव, डॉ धर्मेंद्र, डॉक्टर रेनू त्रिपाठी, डॉ विनीता रावत, आजाद सहित शिक्षक कर्मचारी उपस्थित रहे।

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