गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर लगाई गई राजकीय बौद्ध संग्रहालय में प्रदर्शनी

kapilvastupost reporter

सिद्धार्थनगर। आजादी का अमृत महोत्सव एवं संग्रहालय के शैक्षिक कार्यक्रमों के अंतर्गत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं तत्कालीन तेजस्वी प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जयंती के पूर्व संध्या पर शनिवार को इनके जीवन पर आधारित छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन राजकीय बौद्ध संग्रहालय पिपरहा सिद्धार्थनगर मे किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम मोहनदास करमचंद गांधी था आपका जन्म 2 अक्टूबर 1869 ई में पोरबंदर में हुआ था जो काठियावाड़ जिले में स्थित है। इनके पिता का नाम काबा गांधी था जो राजकोट के राजा के यहां दीवान थे। जब गांधी जी का अंग्रेजों की सद्भावना में विश्वास ना रह गया गांधी तो यहीं से कांग्रेस के कर्णधार बन गए और सत्य अहिंसा सत्याग्रह असहयोग अस्त्रों से स्वतंत्रा संग्राम आरंभ कर दिया यहीं से गांधी युग का आरंभ होता है। गांधी जी के कार्यक्रम में न केवल भारत की स्वतंत्रा थी वरन उसका आर्थिक सामाजिक अध्यात्मिक सांस्कृतिक तथा नैतिक उत्थान भी था।
गांधी जी ने हिंदू मुस्लिम एकता का निरंतर प्रयास किया। सामाजिक कुरीतियों का उन्मूलन किया। इसी तिथि को महान विभूतियों में अग्रणी भूमिका निभाने वाले तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म मुगलसराय के एक साधारण परिवार मैं हुआ था उनके पिता का नाम शारदा प्रसाद तथा माता का नाम राम दुलारी देवी था। गांधी जी का असहयोग आंदोलन आरंभ हुआ लाल बहादुर पढ़ाई छोड़ कर आंदोलन में कूद पड़े। आजादी की लड़ाई में उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। सन 1926 में उन्होंने शास्त्री की परीक्षा पास की अब वे लाल बहादुर से लाल बहादुर शास्त्री बन गए। पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद शास्त्री जी सर्वसम्मति से भारत के प्रधानमंत्री बने। उनके प्रधानमंत्री बनने के कुछ समय बाद ही भारत पर पाकिस्तान ने आक्रमण कर दिया इनके कुशल नेतृत्व में युद्ध में भारत की जीत हुई। इस जीत ने भारत का मस्तक ऊंचा कर दिया। राजकीय बौद्ध संग्रहालय के संग्रहालयाध्यक्ष डॉ0 तृप्ति राय ने मुख्य अतिथि सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के डॉ धर्मेन्द्र कुमार वर्मा, डॉ बाल गंगा धर को स्वागत हेतु बुके एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
उक्त अवसर पर जितेंद्र पांडेय, प्रमोद चौधरी, कैलाश साहनी, धीरेंद्र चौधरी, सुनील चौधरी, योगेंद्र शुक्ला, वाहिद, मीना पाठक, साधना चौधरी, पूनम यादव, अजय कुमार जयसवाल, शिवकुमा, अनिल पाठक, रूद्रदेव पांडेय, नानावती, सुनीता चौहान, कुसुमलता जयसवाल आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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