सिद्धार्थ नगर – तुलसियापुर कठेला मार्ग बाढ़ से बंद ,सैकड़ों गाँव बाढ़ की चपेट में बाद्ध में फंसे लोगों के पास खाने पीने की कमी ,बुखार और डायरिया ने पाँव पसारे
निज़ाम अंसारी / अभिषेक शुक्ला / एस khan
सिद्धार्थनगर। तीन दिन से बूढ़ी राप्ती और घोघी नदी खतरे के लाल निशान से ऊपर बह ही रही है, अब राप्ती भी खतरे के निशान के ऊपर पहुंच चुकी है। इससे कई गांव जलमग्न हो गए है, वहीं जिले में बाढ़ से तबाही की आशंका बढ़ गई है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर से नदी किनारे के बांधों पर भी खतरा मंडराने लगा है। बाढ़ के खतरे को देख प्रशासन भी अलर्ट है पर जमीन पर नजर नहीं आ रहा है।
बूढ़ी राप्ती नदी का जलस्तर तीन दिन से खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर है। जिले के इटवा, उसका, जोगिया, शोहरतगढ़ और बढ़नी क्षेत्र के कई गांव जलमग्न हो चुके हैं। इसके साथ ही घोघी नदी का जलस्तर लाल निशान पार होने से लोटन क्षेत्र के कई गांव पानी से घिरे हुए हैं। बांसी प्रतिनिधि के अनुसार, राप्ती नदी सोमवार की शाम पांच बजे खतरे का निशान पार कर गई।
केंद्रीय जल आयोग के बाढ़ पूर्वानुमान केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, राप्ती नदी एक सेंटीमीटर प्रति घंटा बढ़ रही है। इससे तट पर बसे ग्रामीण चिंतित हैं।अधिशासी अभियंता आरके सिंह ने बताया कि नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बांधों की निगरानी तेज कर दी गई है। उन्होंने बताया कि सभी बांधों के बारिश की कटान व चूहों के बिल की भराई तथा रेगुलेटर को बंद करने का कम चल रहा है।
कठेला प्रतिनिधि के अनुसार – तुलसियापुर से कठेला मार्ग पूरी तरह से डूबने ही वाला है बहुत ही तेज धार चल रही है पार करना मुश्किल है अगर राप्ती नदी का पानी ऐसे ही बढ़ा तो लोगो की मुसीबत बढ़ सकती है |
वहीं कठेला से झाकहिया मार्ग पर भी दो फीट पानी भरा हुवा है और उनमें वेग भरा हुवा है हालात ऐसे है की उसे बंद ही समझा जाना चाहिए |
भुतहवा से इमरान ने बताया की गाँव का पानी दो फूट पानी बढ़ गया है लेकिन 2 घंटे बाद नाव से आना जाना पड़ा |
पन्नापुर से सुरेंदर ने बताया की उनके गाँव की हालत बहुत जादा ख़राब है हम लोग घर के दुसरे मंजिल पर रह रहे हैं लोगों के पास खाने पीने का सामान नहीं है यहाँ जान बचाना मुश्किल है अभी गाँव में एक नवजात की मृत्यु हो गयी है उसे जलप्रावाह करने की तैय्यारी चल रही है |
तिरछह्वा से गोपाल जी ने बताया की गाँव में और घर में पानी भरा हुवा है गाँव में बुखार और डायरिया की शिकायत बढ़ रहा है दवा वितरण जरूरी है कुछ घरों में खाने पीनी की दिक्कत है लेकिन गाँव वाले संभाल लेंगे |
झुन्गाह्वा से सनी ने बताया की गाँव में पानी भरा हुवा है लोगों के पास खाने पीने के सामान की कमी लोगों के पास नहीं है किसी तरह की बीमारी अभी नहीं फैली है |
झाकहिया से इटवा जाने वाले हाईवे पर पानी बढ़ रहा है |
बांसी नगर पालिका अद्ध्यक्ष अध्यक्ष इद्रीश पटवारी ने बाढ़ को देखते हुए सफाई प्रभारियों के साथ बैठक कर नगर क्षेत्र के सभी बांधों के झाड़ को साफ करने तथा बांधों की निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने राप्ती नदी पुल के पास लगे रेगुलेटर व बांध का निरीक्षण किया। बैठक में ईओ विंध्याचल, सफाई प्रभारी रामचरन यादव, राजकुमार पांडेय, राजेश वर्मा, प्रमोद अग्रहरि, सब्लू द्विवेदी उपस्थित थे।
टापू बने गांवों तक नहीं पहुंचा प्रशासनिक अमला
बांसी। बूढ़ी राप्ती नदी में आए बाढ़ से बांसी ब्लॉक के तीन गांव भगौतापुर पूर्वी ,पश्चिमी व छोटकी डढीया गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं। इसके बावजूद, बाढ़ पीड़ितों तक राहत सामग्री नहीं पहुंची है। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी नहीं पहुंची है। भगौतापुर के राम प्रसाद का कहना है कि तीन दिन से उनका गांव बाढ़ से घिरा है।
गांव को जोड़ने वाली सड़क पर पानी बह रहा है, फिर भी नाव की व्यवस्था नहीं है। गुलाम हुसेन का कहना है कि बाढ़ के पानी से घिरे तीन दिन हो गए परंतु अब तक गांव मैरुंड घोषित नहीं किया गया। अर्जुन का कहना है कि तीन दिन से गांव के लोग बाढ़ की पीड़ा झेल रहे हैं। अब तक प्रशासन से राहत सामग्री नहीं मिली है।
सीताराम का कहना है कि गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंची है। झगरू का कहना है कि गांव के साथ साथ आसपास का सिवान जलमग्न हो जाने से पशुओं के चारे का संकट हो गया है।
नदी खतरे का निशान सोमवार का जलस्तर
बानगंगा 93.42 91.10
राप्ती 84.900 84.950
बूढ़ी राप्ती 85.650 87.080
कूड़ा नदी 83.520 83.390
घोघी 87.00 87.10
तेलार नाला 87.500 86.50
जमुआर 84.89 83.85