हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी अलैहिर्रहमां के जिक्र की महफिलों में अल्लाह की रहमत नाज़िल होती है – मुफ्ती अख्तर हुसैन

डा0 शाह आलम
गोरखपुर

हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी अलैहिर्रहमां की याद में मोहल्ला गाज़ी रौजा हाजी मुख्तार अहमद कुरैशी की रिहाइशगाह पर जलसा-ए-ग़ौसुलवरा का आयोजन हुआ। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत कारी सर्फुद्दीन ने की। नात व मनकबत मोहम्मद मोहतशीम ने पेश की। सैकड़ों अकीदतमंदों को लंगर-ए-गौसिया खिलाया गया।


मुख्य अतिथि कारी मुफ्ती अख्तर हुसैन कादरी ने कहा कि ग़ौसे आज़म हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी अलैहिर्रहमां अल्लाह को चाहने वाले, अल्लाह व रसूल (हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) की याद में अपनी ज़िंदगी गुजारने वाले, अल्लाह व रसूल की रज़ा के काम करने वाले, अल्लाह की नाराज़गी के कामों से दूर रहने वाले, इल्मो-अमल, तकवा परहेजगारी की एक मिसाल थे।

हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर अल्लाह की अता से अपनी बारगाह में आने वालों को सुनते देखते और पहचानते हैं और उनकी मदद भी फरमाते हैं। आप अल्लाह के महबूब बन्दे हैं, आपको अल्लाह ने बहुत रूहानी ताकत अता फ़रमाई है। आपके जिक्र की महफिलों में अल्लाह की रहमत नाज़िल होती है, आपकी दरगाह पर नूर बरसता है। आप मुसलमानों के दिलों पर राज करते हैं।


उन्होंने कहा कि दीन-ए-इस्लाम को हम तक या दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने का सेहरा जिस जमात के सर है उस जमात का नाम औलिया किराम है। उन्हीं महापुरुषों में एक महान व्यक्ति का नाम हज़रत शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी अलैहिर्रहमां है।
अंत में सलातो-सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो शांति की दुआ मांगी गई।


जलसे में हाफिज नज़रे आलम,हाजी मुख्तार अहमद कुरैशी, हाजी रज़ी अहमद, हाजी मन्नान कुरैशी, इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी, पूर्वांचल कोषाध्यक्ष नवेद आलम, जिला महासचिव डॉ. शकील अहमद, अब्दुल शहीद कुरैशी, मेराज अहमद, मनव्वर अली, शाकिब आफताब, परवेज़ आलम, अख्तर भाई, मोहर्रम हुसैन, मुनमुन भाई, मुश्ताक कुरैशी, निजामुद्दीन, मोहम्मद मोहतशीम, मोहम्मद जिशान, मोहम्मद अर्श, मोहम्मद युसुफ आदि शामिल रहे।

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