विश्व मानव अधिकार दिवस पर बुद्ध विद्या पीठ में संगोष्ठी का आयोजन
अभिषेक शुक्ला
सिद्धार्थनगर। मानव अधिकारों का मतलब उन सभी अधिकारों से है, जो मनुष्य के जीवन, उनकी स्वतंत्रता एवं समानता से संबंधित हैं। युवा पीढ़ी को मानवाधिकार के बारे में जानने की आवश्यकता है। बुद्ध विद्यापीठ महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की ओर से विश्व मानवाधिकार दिवस पर शनिवार को महाविद्यालय के सभागार में आयोजित संगोष्ठी में राजनीति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शक्ति जायसवाल ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि मानवाधिकार के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। कहा कि जब आप अधिकारों के बारे में जानेंगे तो दूसरों की भी मदद करना आसान होगा।महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य एवं संस्कृत विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भारत भूषण द्विवेदी ने कहा कि मानवाधिकारों में मनुष्य के कल्याण एवं गरिमा का भाव निहित है। मानवाधिकार वह नैतिक सिद्धांत है, जो मानव व्यवहार से संबंधित कुछ निश्चित मानक स्थापित करता है। भूगोल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर नवीन सोनी ने मानव अधिकार घोषणा पत्र के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अभय कुमार श्रीवास्तव ने की। संचालन कार्यक्रम अधिकारी डॉ रत्नाकर पांडेय ने किया। सुनीता देवी, आकांक्षी मिश्रा, गोपाल गोविंद, नसरुल मुस्तफा खान, अजय धर द्विवेदी एवं महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।