बढ़नी – सेवरा गांव में रास्ते कब्जाने से आवागमन में दिक्कत प्रशासन नहीं निकाल सका कोई हल जमीन पर किसी का अधिकार नहीं होने के बाद भी नहीं हटा कब्जा परिवार ने विधायक से मांगी मदद

पीड़ित परिवार ने शोहरतगढ़ विधायक से हस्तक्षेप कर न्याय दिलाने की मांग की 

ओज़ैर खान

शोहरतगढ़ विधान सभा क्षेत्र के  ढेबरुवा थाना अंतर्गत सेवरा गांव में शिकायतकर्ता महेश चौधरी पुत्र ओमप्रकाश चौधरी ने अपने घर के सामने से सहन जमीन से लगभग पचास वर्षों से उनके परिवार का आना जाना होता रहा है लेकिन विगत कुछ दिनों से उक्त सहन / रास्ते को उनके पड़ोसी व पट्टीदार ने दीवाल खड़ी कर कब्जा कर लिया गया है जिसको रोकने के लिए उन्होंने जिले से लेकर मुख्यमंत्री तक से ऑनलाइन शिकायत कर रखी है थाने पर भी कई बार चक्कर लगाया गया लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंच कर निर्माण कार्य नही रुकवाया और न ही दोनो पक्षों को अपने अपने कागजात लेकर आने को कहा ।

बाद में ढेबरूवा पुलिस ने आकर जांच करी तो अपने जांच में पाया की उस जमीन पर किसी का मालिकाना हक कानूनी रूप से नहीं है जो सहन जमीन है दोनो पाटीदार उसका प्रयोग करते रहे हैं। बहर हाल इस अवैध निर्माण कार्य से महेश चौधरी और उनके परिवार का आना जाना बंद हो गया है जिसे तत्काल कार्यवाही करते हुवे निर्बाध रूप से आवागमन चालू करवाने की आवश्यकता है। समय रहते यदि ऐसा नहीं किया गया तो परिवार को बहुत कष्ट होगा बच्चों का स्कूल सहित अन्य क्रिया कलाप में रुकावट पैदा होगी और शांति व्यवस्था के लिए भी एक चैलेंज बना रहेगा किसी अनहोनी की शंका लगातार बनी रहेगी।

जबकि उक्त मामले  की जांच पुलिस द्वारा लगभग  छः माह पहले जांच में पाया कि आवेदक व विपक्षीगण आपस मे पटीदार है । दोनो का मकान अगल बगल है । दोनो का रास्ता गाव के रास्ते से होकर करीब 60/70 वर्ष से लेकर अब तक चल रहा था । विपक्षी अवधेश चौधरी पुत्र रमाशंकर द्वारा आवेदक का रास्ता बन्द कर दिया गया है। पूछने पर बता रहा है कि मेरी जमीन है ।

यदि आवेदक के पास उक्त विवादित जमीन का कागज है तो प्रस्तुत करे । आवेदक  हल्का लेखपाल ओम प्रकाश द्वारा कागजात मागा गया तो नही दिखा सका हल्का लेखपाल द्वारा बताया गया कि अभिलेख के अनसार आवेदक का जमीन/विवादित रास्ते पर कोई अधिकार नही है। आपसी, सुलह समझौते से रास्ता निकलना सम्भव है । शांति व्यवस्था के दृष्टिगत दोनो पक्षो के विरुद्ध दिनाक 24.05 .2022 को धारा 151/107/116 सीआरपीसी के अन्तर्गत कार्यवाही किया जा चुका है।

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