📅 Published on: June 17, 2023
Kapilvastupost reporter
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तय सिद्धार्थनगर परिसर के कला संकाय भवन में आगामी 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों के क्रम में विद्यार्थियों के लिए योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को किया गया। इस कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों को सूक्ष्म व्यायाम, ताड़ासन, वज्रासन, मंडूकासन आदि आसनों तथा भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, उद्गीथ प्राणायामों का अभ्यास कराया गया।

इस अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए छात्र-कल्याण अधिष्ठाता तथा कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. हरीशकुमार शर्मा ने कहा कि विद्यार्थी अपने जीवन में योग को स्थान दें।
भारतीयों के पास योग की ही शक्ति थी जिससे वे सैकड़ों-हजारों वर्षों तक सार्थक सार्थक और सक्रिय जीवन प्राप्त करते थे। तुलसीकृत राम-राज्य वर्णन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय सब सुंदर थे, स्वस्थ थे और निरोगी थे। किसी की अकाल मृत्यु नहीं होती थी और किसी को किसी प्रकार का दुख नहीं था।
यह योग की अद्भुत शक्ति है। संतुलित खानपान और नियमित योग-प्राणायाम को दिनचर्या का अंग बनाकर विद्यार्थी जीवन भर के लिए शारीरिक ही नहीं, मानसिक समस्याओं से भी दूर रह सकते हैं।
इस अवसर पर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से पधारे डॉ सुरेंद्र मिश्रा तथा नेशनल पीजी कॉलेज, बड़हलगंज के डॉ. अखंड प्रताप चंद विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
स्वागत करते हुए डॉ. सच्चिदानंद चौबे ने सभी विद्यार्थियों को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उपस्थित रहने का आह्वान किया।धन्यवाद-ज्ञापन सह अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. सुनीता त्रिपाठी ने किया।
उन्होंने जीवन में योग की महत्ता बताते हुए विद्यार्थियों को स्वयं इससे जुड़ने के साथ ही अपने आसपास के लोगों को भी जोड़ने को प्रेरित किया। डॉ. रविकांत शुक्ल ने संयोजन तथा डॉ. हृदयकांत पांडेय ने संचालन किया। विद्यार्थियों के अतिरिक्त सतीश जयसवाल, राजकमल यादव, अंकित सिंह, संतोष यादव, अश्विनी जयसवाल, संतोष कुमार, राजेश कुमार आदि कर्मचारियों की भी सक्रिय उपस्थिति रही।