शिक्षा का जाल बिछाने वाले , कई हीरा छोड़ गए स्वर्गीय हीरा सिंह – ई०ओ०पी सिंह

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– सपनों का साकार करना ही सच्ची ब्रह्मभोज व श्रद्धांजलि होगी – डा० शुशीला सिंह / डा० काया सिंह

– 28 सितंबर को ग्राम उचहरिया मे भव्य ब्राह्मभोज व श्रद्धांजलि की तैयारी जोरो पर
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जाकिर खान

सिद्धार्थनगर । सदकार्य करते हुए कुछ लोग प्रेरणा के स्रोत बन जाते हैं । तब जब शिक्षा के क्षेत्र मे कोई बड़ा पहल और कदम उठे । लेकिन वे सचमुच महान होते हैं । जो संसार से जाते-जाते भी बहुत कुछ सिखा जाते और संदेश दे जाते हैं । महान वही होता हैं जो अपने कर्मो से समाज के तरक्की के लिए अमूल चुक परिवर्तन कर जाता हैं ।

समाज के तरक्की मे अहम कड़ी बन व शिक्षा का जाल बिछाने वाले ऐसा ही एक नाम है थाना उसका क्षेत्र के सोहास बाजार निकट ग्राम ऊंचहरिया बाबू के स्वर्गीय राम शंकर सिंह के पुत्र व सेवा निवृत संयुक्त खंड विकास अधिकारी व फाउडर ट्रस्टी सिद्धार्थ ग्रुप आफ इंस्टीटूशन बांसी रोड सिद्धार्थनगर स्वर्गीय हीरा सिंह । जो मृत्यु के बाद भी अपने पीछे कई हीरा छोड़ गए हैं स्वर्गीय हीरा सिंह । उक्त सस्थानों के जरिए हमेशा जीवित रहेंगे ।

विदित हो कि थाना उस्का बाजार अन्तर्गत ग्राम ऊंचहरिया बाबु मे दिनांक15/09/2023 दिन शुक्रवार को घर पर ही 100 वर्षीय हीरा सिंह का स्वर्गवास हो गया था । जिनका ब्राह्मभोज श्रद्धांजलि कार्यक्रम दिनांक 28. 09 .2023 दिन गुरुवार को भव्य ब्राम्हभोज / श्रद्धांजलि कार्यक्रम अयोजित सुनिश्चित क़ी गई है । जिसकी तैयारी समूचे कुल खानदान व पुत्रों द्वारा किया जा रहा है


उक्त क़ी जानकारी ब्राम्हभोज श्रद्धांजलि के तैयारी के आयोजक स्वर्गीय हीरा सिंह के बड़े पुत्र ई०ओ०पी० सिंह , भूतपूर्व जी०एम० यू०पी० सिड़को एवं चेयरमैन सिद्धार्थ ग्रुप आफ इंस्टिट्यूटश्न् सिद्धार्थनगर सहित अन्य पुत्रों ने बुद्धवार को सयुक्त रूप से ब्राम्हभोज की तैयारी के दौरान एक औपचारिक मुलाकात मे स्वर्गीय हीरा सिंह की कुछ सामाजिक सेवाओं पर वरिष्ठ पत्रकार जाकिर खान के साथ चर्चा परिचर्चा का कुछ अंश – – –
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स्वर्गीय हीरा सिंह क़ी सेवाए अन गिनत है , शिक्षा रूपी थिंक टैंक थे
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सिद्धार्थगार । स्वर्गीय हीरा सिंह के बड़े पुत्र ई०ओ०पी० सिंह , भूतपूर्व जी०एम० यू०पी० सिड़को एवं चेयरमैन सिद्धार्थ ग्रुप आफ इंस्टिट्यूटश्न् सिद्धार्थनगर ने बताया कि पिता क़ी शिक्षा गोरखपुर विश्वविद्यालय के एम पी प्रस्नातक कालेज से हुआ था ।

तत्पश्चात कुछ दिनों बाद उनकी तैनाती पंचायती राज एवं विकास विभाग यूपी के ग्राम पंचायत अधिकारी पद पर हो गई थी । पदोउन्नति के बाद संयुक्त खंड विकास अधिकारी सम्भल से सेवानिवृत्त हुए । सेवा काल से उन्के दिमाग मे और चर्चा मे यही रहता था कि समाज के युवाओं को अधिक से अधिक संख्या मे शिक्षा से कैसे जोड़ा जाय । उनकी सेवाए घर मे कम समाज के हित मे अन गिनत हैं। वे शिक्षा रूपी एक थिंकस टेंक थे ।
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ऐसे हुआ सिद्धार्थ ग्रुप आफ इंस्टिट्यूटशन का उदभव – ई०ओपी सिंह
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सिद्धार्थगार । भावुक मन से ई०ओपी सिंह ने बताते बताते बताने लगे कि आज जनपद मुख्याल्य पर शिक्षा क्षेत्र मे एक छोटा सा शिक्षा का इंफ्रास्टॉकचर सिद्धार्थ ग्रुप आफ इंसस्टिट्यूटशन सिद्धार्थनगर के अधीन लगभग आधा दर्जन शिक्षण सस्थान के रूप मे जो शिक्षा का बाग़ लगा है वो और किसी का नही मेरे स्वर्गीय पिता हीरा सिंह क़ी सोंच का प्रतिफल है ।

जब वो उस समय सस्थान के ट्रस्टी बने और हम लोगों ने उनके बातये और सुझाये मार्ग पर चल पड़े । उनके सोच से प्रेरित होकर
जिला मुख्यालय स्थिति थरौली मे निर्मित अपने निजी आवास को ही सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल मे बदल दिया । जिसका परिणाम शिक्षा का इंफ्रास्टॉकचर सिद्धार्थ ग्रुप आफ इंसस्टिट्यूटशन करौदा मसिना व थरौली पब्लिक स्कूल सिद्धार्थगार के रूप मे स्थापित है । जो शिक्षा का एक अहमद कड़ी है । जो जग जाहिर है ।
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पिता क़ी कमी हम सभी परिवारो को बहुत अखरेगी – समुचा परिवार
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सिद्धार्थनगर । ब्राह्मभोजल श्रद्धांजलि की तैयारी मे लगे परिवार के अन्य सदस्यों ने बताया कि पिता क़ी कमी हम सभी परिवारो को बहुत अखरेगी । जिसकी भरपाई कभी हो ही नही सकती ।

इसी क्रम मे सबसे छोटे पुत्र अजय कुमार सिंह उर्फ़ डब्लू बाबु ने कहा कि पिता जी नही रहे । लेकिन अभी 95 वर्षीय दुर्गा रूपी माता कैलाशी देवी अभी बाहयात हैं । हम लोग माता मे ही पिता का दर्शन किया करेंगे ।
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ऐसे पड़ा हीरा का दूसरा नाम राम शंकर मिश्र
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सिद्धार्थनगर । हीरा सिंह के बड़े पुत्र ई० ओ०पी० सिंह भूत पूर्व जी०एम० यू०पी० सिड़को एवं चेयरमैन सिद्धार्थ ग्रुप आफ इंस्टिट्यूटश्न् सिद्धार्थनगर ने बताया कि उनकी सोच थी कि गाँव और जिला जवार के युवाओं को कैसे बेहतर शिक्षा मुहैया कराया जाय ।

इसी विचार धारा से प्रेरित होकर जनपद मुख्यालय पर स्थिति अपने आवास को ही फाउंडर ट्रस्टी आफ प्रतीक सिंह मेमोरियल ट्रस्ट सिद्धार्थनगर ग्रुप आफ इंस्टिट्यूटशंन् सिद्धार्थनगर के अधीन सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल के नाम से शिक्षा के मंदिर का नीव रखवा दी । धीरे धीरे गावं से लेकर शहर तक शिक्षा के क्षेत्र मे एक अपनी अलग पहचान बनती गई ।

सिद्धार्थ ग्रुप आफ इंस्टिट्यूटश्न् एन्ड सिद्धार्थनगर के अधीन — – –

– सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल थरौली सिद्धार्थनगर

– सिद्धार्थ पब्लिक स्कूल करौदा मसिना बांसी रोड सिद्धार्थनगर

– सिद्धार्थ शिक्षण एवं प्रशिक्षण सस्थान करौदा मसिना बांसी रोड सिद्धार्थनगर

– डी ०एस्० एस०ओ० पी० फार्मेसी कालेज करौदा मसिना बांसी रोड सिद्धार्थनगर

– पी०एस०एम० सिद्धार्थ हॉस्पिटल सिद्धर्थनगर मुख्यालय थरौली सिद्धार्थनगर

– के० एस० के० पेट्रोल पम्प ग्राम फुलवरिया सोहास बाजार सिद्धार्थनगर मे लगभग आधा दर्जन विद्यालय व एक पम्प
संचालित हैं । जिससे अवाम का हर वर्ग लाभंवित होता है । यही नही आज शहर से लेकर गाँव के हजारो बच्चे आधुनिक पद्धति की शिक्षा ग्रहण कर रहे है ।

तब जाकर क्षेत्र के लोगों के जुबाँ पर यह चर्चा होने लगी कि जिले मे शिक्षा का जाल बिछाने वाला दूसरा राम शंकर मिश्र कोई और नही बल्कि सोहास क्षेत्र निवासी गुम नाम हीरा सिंह ही है ।
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हीरा सिंह अपने पीछे छोड़ गये कई हीरा – प्रोफेसर सी०पी० सिंह
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सिद्धार्थनगर । सोहास बाजार क्षेत्र क़ी माटी
स्वर्गीय हीरा सिंह के परिवारों से पूरे जिले मे महक फैला रही है । परिवार पर नजर डाले तो पुरा परिवार शिक्षा से लैश । शिक्षा व विद्वता क़ी किलकारी गुज रही ऊंच हरिया क़ी आगन मे ।

पुत्रों पे एक नजर डाले तो –
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– सबसे बड़े पुत्र – ई० ओमप्रकाश सिंह भूतपूर्व मुख्य महा प्रवधक यूपी सिड़को लखनऊ मे सेवा दे चुके हैं । वर्तमान मे चेयरमैन सिद्धार्थ ग्रुप आफ इंस्टिट्यूटश्न् बांसी रोड करौदा मसीना सिद्धार्थनगर दूसरे नंबर के पुत्र् – चंद्र प्रकाश सिंह पूर्वांचल विश्वविद्द्यलय मे मेकेनिकल इंजीनिरिंग कालेज मे बतौर शिक्षक हैं ।

पूर्व कर्मचारी संघ अध्यक्ष पूर्वांचल विश्व विद्द्यलय जौनपुर ।
तीसरे नंबर के पुत- सत्य प्रकाश सिंह् यू०ए० ई० विदेश मे कैंसक्ट्रैक्टर कंपनी का संचालक है ।

चौथे नंबर कें पुत्र – अजय कुमार उर्फ़ डब्लू सिह बी ए ,एम ए एवं अन्य सामाजिक कार्यो सहित माता पिता कि सेवा व घर गृहस्थी मे व्यस्तता ।
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बहुओ और पोतियों पर नजर डाले तो किसी से कम नही है ।
पिता के बनाये सस्थान मे सपनों का साकार करना ही सच्ची ब्रह्मभोज व श्रद्धांजलि होगी – डा० शुशीला सिंह / डा० काया सिंह
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सिद्धार्थनगर । हीरों को तरासने के माहिर मेरे प्रिय , पिता तुल्य , प्रेरणा के श्रोत शशुर स्वर्गीय हीरा सिंह की सच्ची श्रद्धांजलि और ब्राम्हभोज तभी होगी जब उनके सपनों के शिक्षा का सन्सार रूपी सिद्धार्थ ग्रुप आफ इंस्टिट्यूटशन के अंतर्गत संचालित आधा दर्जन सस्थान के पाठ्यक्रमों का साकर होते हुए संचालन होता रहे ।

आज उन्ही के सोंच का प्रतिफल है सिद्धार्थ ग्रुप आफ इंस्टिट्यूटशन सिद्धार्थनगर । जो शहर के अंदर इंतना बड़ा शिक्षा का इंफ्रास्ट्रेक्चर खड़ा है । उनकी कमी बहुत बड़ी क्षति के रूप मे है । जिसकी भरपाई कभी नही हो सकती । ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे ।

उक्त बाते सिद्धार्थ ग्रुप आफ इंस्टिट्रीटशन की डायरेक्टर डा.सुशीला सिंह व , डी ०एस्० एस०ओ० पी०फार्मेसी कालेज करौदा मसिना की सयुंक्त प्रवंध निदेशिका डा. काया सिंह ने सयुक्त रूप से बताया ।

उन्होंने कहा कि आज वो हमारे बीच नही हैं लेकिन उनके द्वारा दी गई सामाजिक धरोहर सिद्धार्थ ग्रुप आफ इंस्टिट्यूटशन बांसी रोड करौद मसिना सिद्धार्थनगर के माध्यम से दिलो मे राज करेंगें । वो इस सस्थान के फाउंडर ट्रस्टी थे ।

जो सस्थान के माध्यम से हर पल याद रहेंगे । सस्थान मे शिक्षा ग्रहण कर रहे समाज के युवक युवतियों कि भविष्य उज्ज्वल बनता रहे । यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।