गुड जॉब जवान – दो नेपाली नाबालिक युवतियों को तस्करो के चंगुल से बचाया
जे पी गुप्ता
सिद्धार्थनगर। भारत नेपाल सीमा की दो अलग अलग सीमाओं से मंगलवार देर शाम को दो नाबालिक नेपाली युवतियों को मानव तस्करी के चंगुल से बचाने में सशस्त्र सीमा बल 43वी वाहिनीं के जवानों एव मानव सेवा संस्थान सेवा के कर्मियों ने सफलता पाई है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारत नेपाल सीमा के खुनुवा सीमा पर नेपाल राष्ट्र के कपिलवस्तु जिले का रहने वाला युवक सुभाष चंद यादव एक नेपाली नाबालिक युवती को शादी का झांसा देकर भारत मे किसी बड़े शहर में ले कर जाने के फिराक में था वही भारत नेपाल सीमा के ककरहवा सीमा पर भी नेपाल राष्ट्र के कपिलवस्तु जिले का ही रहने वाला संजय पासवान भी एक नेपाली नाबालिक युवती को शादी का झांसा देकर भारत के किसी शहर में ले जाने के फिराक में था।
खुनुवा एव ककरहवा के एसएसबी के जवानों एव मानव सेवा संस्थान के कर्मियों द्वारा गहनता से पूछ ताक्ष करने पर मामला मानव तस्करी से प्रेरित लगा मौके पर पहुची एसएसबी की एएचटीयू टीम ने भी गहनता से पूछ ताक्ष किया। जिससे मामला मानव तस्करी से प्रेरित लगने पर दोनो नाबालिक नेपाली युवतियों एव साथ मे ले जा रहे दोनों तस्करों को नेपाल एपीएफ की उपस्थिति में नेपाल पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया।
नेपाली नाबालिक युवतियों को मानव तस्कर के चंगुल से बचाने में मुख्य रूप से निरीक्षक शाम सिंह, मुख्य आरक्षी प्रमोद कुमार, आरक्षी अशोक कुमार, नवीन कुमार स्वामी, एएचटीयू 66 वी वाहिनीं के सहायक उप निरीक्ष पीआर चंद, महिला आरक्षी प्रियंका सिंह, एमएसएस सेवा केंद्र प्रभारी जय प्रकाश गुप्ता, काउंसलर बृजलाल यादव, अंजनी गुप्ता शामिल रहे।
43वाहिनी के कार्यवाहक कमांडेंट अमित सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में मानव तस्करी के मामलों पर सशस्त्र सीमा बल के द्वारा पैनी नजर रखी जा रही है जिससे कि किसी भी गरीब परिवारों के बच्चों और लड़कियों को मानव तस्करी में संलिप्त व्यक्ति, नौकरी, शादी व प्यार का झांसा दे कर तथा बहला फुसला कर नेपाल से भारत या भारत से नेपाल तस्करी न कर पाए और उनका शोषण न हो सकें ।