पटाखा गोदाम मे विस्फोट ,दो की मौत ,चार जख्मी क्षेत्र मे हाहाकार, हादसे के शिकार लोगों में भारत और नेपाल दोनों के हैं

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कोतवाली क्षेत्र के नेपाल बॉर्डर पर स्थित अलीगढ़वा कस्बे में हुई घटना का मामला है
– घंटे बाद भी नहीं बुझी आग, धुआँ निकलना बंद नही हुआ हुआ तो अन्य लोग भी आएंगे जद मे
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जाकिर खान /निजाम अंसारी

सिद्धार्थनगर। कपिलवस्तु कोतवाली क्षेत्र के नेपाल सीमा पर स्थित अलीगढ़वा कस्बे में स्थित एक गोदाम में मंगलवार दोपहर तेज धमाके के साथ आग लग गई। धमाका इतना जबरदस्त था कि गोदाम के दो कमरों का जर्रा-जर्रा जमींदोज हो गया। हादसे में दो लोगों की झुलसकर मौत हो गई । जबकि चार अन्य लोग जख्मी हो गए।
हादसे के शिकार लोगों में भारत और नेपाल दोनों के हैं। घायलों को अलग- अलग अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। धमाके की आवाज से दोनों देगों की सीमा दहल उठी औैर लोग खौफजदा हो गए। फायर ब्रिगेड की घंटों कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। इसमें 12 गोदामों में रखा गया लाखों का सामान जलकर नष्ट हो गया ।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां विस्फोट हुआ है, वह पटाखे का गोदाम था, जबकि प्रशासन के अनुसार कई रेफ्रिजरेटर के कंप्रेशर से आग लगने की आशंका है।
क्षेत्र के भारत-नेपाल सीमा से लगभग 70 मीटर की दूरी पर भारतीय क्षेत्र के अलीगढ़वा कस्बे में व्यापारियों का एक गोदाम है। इसमें कई कारोबारी सामान लाकर रखते हैं। मंगलवार को दोपहर में गोदाम में तेज धमाके साथ आग का गोला उठा तो लोग हिल गए।

इसके बाद भगदड़ मच गई। तब तक आग विकराल रूप धारण कर चुकी थी। हादसे की जानकारी मिलते ही कपिलवस्तु कोतवाली की पुलिस मौके पर पहुंच गई।

आग बुझेगी तो पता चलेगा कोई झुलसा है या नहींअग्निशमन विभाग का दल पहुंचा तो धमाका और आग तेजी से फैल रही था। फायर ब्रिगेड के पहुंचने के बाद आग बुझाने का काम शुरू हुआ तो सुरक्षाकर्मी अंदर घुसे।

बताया जा रहा है कि नेपाल राष्ट्र के एक व्यापारी ने भी भारतीय क्षेत्र में गोदाम बनाया था। उसका कोई अता-पता नहीं है

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चार घायलों का हो रहा है इलाज
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घायलों में नेपाल के महादेव निवासी राबिया खातून पत्नी मजीबुर्रह्मान, कोतवाली कपिलवस्तु क्षेत्र पोखभिटवा निवासी इरफान अली पुत्र इंसान अली का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

वहीं, दो व्यक्तियों पिपरहवा निवासी फारूक और इंसान अली भी घायल हुए हैं। हालांकि, कुछ लोगों के दबे होने की आशंका व्यक्त की जा रहा है
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दो लोगों की निकली क्षत-विक्षत लाश, एक ही पहुंची पोस्टमार्टम 
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पुलिस ने इस हादसे में दो लोगों की मौत होने की पुष्टि की। उनकी पहचान अलीगढ़वा कस्बे के एक व्यापारी के पुत्र अजय कसौधन और नेपाल के महादेव गांव के सुफियान (4) के रूप में हुई है। इस मृतक बच्चे की दादी बच्चे की मुसलमानी करवाने के लिए यहां लेकर आई थी। दो लोगों की मौत हुई। इसमें अजय का शव ही पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा, जबकि बच्चे के परिजन उसे लेकर नेपाल बॉर्डर पार चले गए। डिप्टी सीएमओ डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि अलीगढ़वा की आग में झुलसने के मामले में एक व्यक्ति का शव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा। अफरा-तफरी के माहौल में बच्चे का शव पोस्टमार्टम हाउस नहीं पहुंचा तो पुलिस अधिकारी परेशान हो गए।
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स्थानीय लोगों में चर्चा, यहां रखे जाते थे पटाखे

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विस्फोट होने से आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। जबकि अलीगढ़वा कस्बे के नागरिकों में यह तेजी से चर्चा है कि गोदाम में पटाखे को भी रखा जाता था। इसकी वजह से भयंकर आग लगी और तेज पटाखों की आवाज आने लगी। इससे आसपास के गावों के लोग जुट गए और आग पर काबू पाने के लिए सभी लोग प्रयास करने लगे। हालांकि, फायर ब्रिगेड के पहुंचने के बाद आग पर काबू पाया गया।
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घटना की सूचना पर पहुंचे आला अधिकारी
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घटना की सूचना पर मौके पर तत्काल पहुंची कपिलवस्तु कोतवाली की पुलिस टीम एवं एसएसबी की टीम ने भी आग बुझाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। घटना की सूचना पर डीएम पवन अग्रवाल, उप जिलाधिकारी डॉ. ललित कुमार मिश्र, सीओ सदर अखिलेश वर्मा, एसओ मोहाना जीवन त्रिपाठी, एसओ लोटन यशवंत सिंह, एसओ चिल्हिया अमित कुमार सहित बड़ी संख्या में पुलिस पहुंच गई।

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12 कमरे तबाह, चार जमींदोज
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लोगों के मुताबिक, धमाका इतना तेज था कि गोदाम के 12 कमरे आग और धमाकों से प्रभावित हुए हैं। इसमें चार कमरे तेज धमाके से जमींदोज हो गए। बताया जा रहा है कि आग से कारोबारियों का लाखों का सामान तबाह हो गया है।

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बीच कस्बे में बना है गोदाम
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गोदाम से नेपाल सीमा से महज 70 मीटर दूरी पर और बीच कस्बे में हैं। आसपास लगभग तीन हजार से अधिक आबादी निवासी करती है। लोगों का कहना है कि गनीमत रही कि आग दिन में लगी। अगर धमाका रात में लगी होती तो न जाने कितने लोग तबाह हो जाते। दिन में विस्फोट होने से अन्य लोगों अलर्ट हो गए और इधर-उधर भाग निकले।

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विस्फोट ऐसा कि दहल गया कस्बा
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धमाका इतना तेज हुआ था कि गोदाम के आसपास के घरों के लोग हिल गए। उन्हें लगा कि वह सीमा पर बसते हैं कहीं गोलाबारी तो शुरू नहीं हो गई। बाहर निकले तो रह-रहकर होने वाले धमाकों से कांप उठे। महिलाओं और बच्चों को लेकर जाकर दूर कर दिया। रह-रहकर आग विकराल रूप ले रही थी। बीच-बीच में धमाके की आवाजें उठ रही थीं। ऐसे में लोगों का मानना है कि अगर सिलिंडर की आग होती तो धमाका रुक-रुक कर नहीं होता। केवल एक बार ही विस्फोट होकर समाप्त हो जाता।

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आठ घंटे बाद भी आग पर नहीं पाया जा सका काबू
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आग और विस्फोट दोपहर एक बजे से शुरू हुआ। फायर ब्रिगेड की गाड़ी आग बुझाने में लगी थी। लेकिन रात आठ बजे तक रह-रहकर आग धधक उठती थी। उसे बुझाने में पुलिसकर्मी जुटे थे। धमाका होने के कारण कोई अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।

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इटवा में कुछ दिन पहले ही मिल चुकी है पटाखे की खेप
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पुलिस चौकी शाहपुर के पास सहियापुर के आबादी में स्थित एक मकान में बड़ी मात्रा में पटाखा स्टोर किया गया था। उसे कुछ दिन पहले ही एसडीएम डुमरियागंज प्रमेंद्र, सीओ इटवा जयराम, तहसीलदार डॉ. संतराज सिंह, नायब तहसीलदार महबूब आलम की मौजूदगी में संदीप कसौधन के मकान का छापा मारा था। कमरे का ताला तोड़ा गया तो पटाखे का जखीरा बरामद हुआ। मकान आबादी में होने के कारण कोई अनहोनी न हो, इसलिए पटाखे को दो वाहनों में लाकर थाना परिसर में रखा गया है।

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विस्फोट होता तो दहल जाता कस्बा
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नियम के अनुसार पटाखे की खेप और फैक्ट्री आबादी से दूर रहती है। ताकि विस्फोट होने पर किसी की जान न जाए। लेकिन यहां तो पटाखे का पूरा जखीरा रखा जा रहा था और किसी को भनक तक नहीं लगी। अगर कार्रवाई न होती और पटाखे जब्त न होते से दीपावली से पहले बड़ा विस्फोट और नुकसान होने से इन्कार नहीं किया जा सकता है। यह एक मकान और दुकान का मामला नहीं है। अगर जांच हो तो और खेप बरामद हो सकती है।
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पिछले साल पकड़ा गया था छह क्विंटल अवैध पटाखा
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त्योहार से पहले हर साल बड़ी मात्रा में अवैध पटाखा पकड़ा जाता है। गनीमत है कि कोई अनहोनी नहीं होती है। बीते वर्ष एसओजी की टीम ने बांसी कोतवाली क्षेत्र में छापा मारकर छह क्विंटल से अधिक पटाखे पकड़े थे। अब दूसरी बार इटवा में इतनी बड़ी खेप पुलिस के हाथ लगी है। वह भी आबादी से सटे मकान से। अगर पुलिस जल्द सतर्क नहीं हुई तो पटाखा का स्टाॅक तैयार करने वालों से बड़ी घटना हो सकती है।
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जमीन पर पटकने वाला पटाखे का हो रहा निर्माण
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, डुमरियागंज और बांसी क्षेत्र के कुछ स्थानों पर पटकने वाला बम बनाए जा रहे हैं। यह बांसी और डुमरियागंज से निकलकर जिले के अलग-अलग हिस्सों के साथ ही भारत-नेपाल सीमा से सटे बाजारों में बिकने के लिए जा रहा है। इसमें बर्डपुर और ककरहवा क्षेत्र में बड़ी खेप पहुंचने की भी आशंका है। यहां के खरीदार अधिक हैं।

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जमीन पर पटकने वाला पटाखा होता है खतरनाक
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जमीन पर पटकने वाले पटाखे को देसी भाषा में सुतली बम कहा जाता है। सड़क निर्माण में प्रयोग होने वाली छोटी छर्री के बीच बारूद डालकर इसे सूती बोरी या कपड़े या सुतली से बांधा जाता है। तेजी से पटकने पर यह तेज धमाका करने के साथ ही धुएं का गुबार पैदा करता है। बताते हैं कि छर्री अगर लगे तो कोई भी व्यक्ति जख्मी हो सकता है। वहीं, अगर बारूद की मात्रा अधिक करके तैयार किया जाए और धमाका किया जाए तो टकराने वाली दीवार को भी क्षति पहुंचा सकता है। अगर ये पटाखे जिले के विभिन्न हिस्सों में पहुंच रहे हैं और बच्चों के हाथ से प्रयोग होंगे तो अनहोनी से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
कोट
गोदाम में रखे गए कंप्रेशर में आग लगने की आशंका है। गोदाम में पटाखा रखे होने की पुष्टि नहीं हुई है। इस मामले की जांच की जा रही है। हादसे में दो लोगों की मौत हुई, जबकि चार लोग झुलस गए हैं।
-पवन अग्रवाल, जिलाधिकारी

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