धीरे धीरे मौसम बदल रहा है ठंडक का मौसम आ रहा है गर्मी से ठंडी के बीच जलवायु परिवर्तन होता है उसका सीधा असर मनुष्यों पर पड़ता है नौजवान लोग इस बदलाव को आसानी से खेल जाते हैं उन्हें काम पता चलता ।
वहीं बच्चों और बुजर्गों पर मौसम के परिवर्तन का सीधा असर पर पड़ता है बच्चों में निमोनिया हो जाता है और बुजुर्गों में फालिज का अटैक बढ़ जाता है।
यह कहना है बढ़नी पी एच सी पर तैनात डॉक्टर प्रदीप वर्मा का उन्होंने कहा कि ठंडक का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर ज्यादा पड़ता है इसलिए उनकी देखभाल पर परिवार जन को ध्यान देने की आवश्यकता है इस दौरान बच्चों और बुजुर्गों को गर्म कपड़े पहनाएं पैर में जूते और कान में टोपी अवश्य लगाएं जिससे बच्चों और बुजर्गों को ठंडी हवा से बचाया जा सके।
ठंडक के मौसम में देखभाल की कमी से बच्चों को ठंडी हवा लग जाती है बच्चों को खांसी जुकाम हो जाता है रात में सोते समय उनके सीने से घरघराहट की आवाज आने लगती है पसली भी चलने लगती है। यदि इस तरह की दिक्कत दिखाई देती है तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं।
प्रदीप वर्मा ने बताया कि कड़ाके की सर्दी के बीच बच्चों में कोल्ड डायरिया के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए छोटे बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखना बहुत जरूरी है।
एक साल तक के बच्चे को अधिक खांसी आ रही हो, पसली चल रही हो, बच्चा दूध व खुराक लेना बंद कर दे, तेज बुखार हो और दस्त न रुके और साँस लेने में कठिनाई होने पर तत्काल नजदीकी चिकित्सक से जरूर संपर्क करें।