सिद्धार्थ नगर – संविधान के विपरीत मदरसेा को जारी किया गया नोटिस -शमीम अहमद

मौजूदा प्रदेश सरकार संविधान को आआगे बढ़ाने के बजाय हिंदुत्वा को बढावा देने वाली है ऐसा उसके अधिकतर फैसलों में नजर आता है हिन्दू वोटरों को आकर्षित करने के लिए वह बुलडोज़र , कँवर यात्रा के दौरान दुकानों पर नाम लिखना , लव जिहाद के तहत उम्रकैद का प्रावधान करना और अब मदरसों को नुकसान पहूँचाने के लिए उन्हें गैर मान्यता प्राप्त घोषित करना | सरकार के इस कदम से सीधे सीधे मुसलमानों के अधिकारों को कुचलना और उन्हें नुकसान देने वाला है |

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प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश द्वारा 8449 गैर मान्यता प्राप्त मदरसेा को बंद किए जाने का आदेश गैर संवैधानिक है उत्तर प्रदेश सरकार को इस तुगलकी की फरमान को वापस ले लेना चाहिए|

उक्त बातें बहुजन समाज पार्टी के पूर्व जिला महासचिव शमीम अहमद ने कहा कि जिला प्रशासन मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को बेसिक शिक्षा के स्कूलों में दाखिला कराये जाने का विरोध किया है |

जिला प्रशासन द्वारा इन मदरसेा को गैर मान्यता प्राप्त मदरसा बाता कर यह कहा जा रहा है कि बोर्ड से संबंधित नहीं है जबकि यह मदरसे बरसों से किसी ट्रस्ट या समिति के तहत स्थापित है और इनमें धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ मॉडन शिक्षा भी दी जाती है |

मुख्य सचिव के आदेश संविधान के प्रावधानों 14 ,21, 26, 28, 29, 30 के विपरीत है देश के संविधान ने अल्पसंख्यकों को यह अधिकार दिया है कि अपने मनपसंद के शिक्षण संस्थानों को स्थापित कर सकते हैं वह अपनी इच्छा अनुसार इसका प्रबंध भी कर सकते हैं |

इसी प्रकार शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में भी मदरसे और पाठशाला को इस अधिनियम से छूट दी गई है यह मदरसे गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ-साथ लाखों बच्चों को मुफ्त आवास खाने पीने की सहूलियत उपलब्ध कराते हैं इसलिए सरकार को अपने इस फरमान को वापस लेना चाहिए|

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