प्रतिबंधित क्षेत्र रमजान गली से जबरदस्ती जुलूस निकाला गया पुलिस के रोकने समझाने के बाद भीड़ ने रौंदा सांप्रदायिक सौहार्द हालात बेकाबू
एक तरफ सबका साथ सबका विकास और दंगा मुक्त शासन के दम पर सी एम् योगी अपनी पीठ थपथपाते हैं वही दूसरी ओर उनके कार्यकार्त और नेता समाज में तांडव मचाते हैं | देखें विडियो
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कस्बा शोहरतगढ़ में आज होली का जुलूस निकालने की परम्परा 2013 से चली आ रही है जो बिहारी लाला चौक से सीधा नवाब खान के घर से सीधे उत्तर की तरफ मास्टर अब्दुल अज़ीज़ के घर से मुड़कर फिर पक्षिम की तरफ जगदीश वर्मा के चौराहे से मुड़कर भारत माता चौक से होते हुवे अपने समापन पर होता है
लेकिन 2022 के विधान सभा चुनाव में विनय वर्मा की जीत के बाद अल्पसंख्यकों और प्रशासन को इस बात की भनक थी की होली के त्यौहार में अति उत्साह की स्थित में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए कसबे के पुराने और नए अराजक तत्वों ने आखिरकार खेल दिखा ही दिया|
और अपने नेता विधायक विनय वर्मा को गुमराह करते हुवे होली जुलूस को प्रतिबंधित क्षेत्र रमजान गली में जबरदस्ती मोड जाने को लेकर स्थानीय पुलिस प्रशासन ने होली जुलूस को रोकने की बहुत कोशिस की इस दौरान दोनों तरफ से भारी नारे बाजी होने लगी |
हालात बेहद गंभीर होने लगे जुलूस में उमड़ी भीड़ का दबाव और पुलिस प्रशासन का उस भीड़ के सामने गिडगिडाना और मिनट दर मिनट खाराब हालात को देखते हुवे अल्पसंख्यक नेता अल्ताफ हुसैन और गुड्डू नवाब खान ने ततकाल मौके पर पहुँच कर स्थिति की देखते हुवे अल्प्सख्यकों की सुरक्षा को देखते हुवे अपने लोगों को पीछे हटने का आदेश दिया और जुलूस अपने घमंड में नारे लगाते हुवे प्रतिबंधित क्षेत्र से हजारों की संख्या में निकल गए |
1 – अब सवाल यह बनता है कि जब पुलिस को इस बात की सूचना अपने विभागीय सुचना इकाइयों से थी तब यह चूक क्यों ?
2 – होली का जुलूस जब एक टोली के बराबर लगभग 20 से 25 की संख्या में होते हैं और जब यह संख्या सैकड़ों से उपर हो रही थी तब सुरक्षा कर्मियों पुलिस की अतिरिक्त बलों को उपयोग और डिमांड बढाया क्यों नहीं गया |
3 – विधयक विनय वर्मा के जुलूस में शामिल होने की खबर पर स्थानीय थाणे ने रूट की चर्चा विधायक से क्यों नहीं की |
इस तरह की घटना मुस्लिम समाज द्वारा की गयी होती हलकी सी भी भनक पर यही पुलिस मुसलमानों के घर लूट लेती और सैकड़ों लोग जेल में बंद हो गए होते |
2013 में दरोगा लालजी यादव ने इस परम्परा की सुरुवात की इस नाजायज़ जुलूस को लेकर मुस्लिम समुदाय में जबरदस्त गुस्सा है कसबे के नेताओं ने जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान से कार्यवाही की मांग की है जिससे इस तरह की घटना गुंडई और संख्या बल और पुलिसिया संरक्षण में न हो |
संमाचार लिखे जाने तक किसी तरह की कोई कार्यवाही पुलिस द्वारा नहीं की गए |