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पिछले माह शोहरतगढ़ तहसील के कई गाँव में आये बाढ़ के बाद शासन द्वारा रहत दिए जाने के क्रम में लेखपालों ने पक्दिह्वा राम नगर रेकहट खैरा आदि गाँव में लोगों से पैसे ऐंठे गए | लेक्ज्पलों द्वारा उनसे ऐसे समय रिश्वत लिए गए जब किसानों बाढ़ पीड़ितों को खुद ही मानवीय सहायता की जरूरत थी |
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शोहरतगढ़ तहसील में कार्यरत तीन लेखपालों के मिली भगत से सरकारी धन को क्षति पहुंचाने व एक लेखपाल को अनुशासनहीनता के आरोप में डीएम के निर्देश पर उपजिलाधिकारी शोहरतगढ़ चंद्रभान सिंह ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
लेखपालों के निलंबित की खबर पूरे शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र में गूंजने से लेखपालों में हड़कंप मच गया है। शुकवार को एसडीएम शोहरतगढ़ चंद्रभान सिंह ने बताया कि गत जुलाई माह में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र पकड़िहवा, तालकुंडा, पचऊच में तीन संबंधित लेखपालों ने 36 किसानों को कृषि अनुदान दिलाने के लिए पैसे की लालच में आकर फर्जी तरीके से दस्तावेज लगाकर लाभार्थी दिखा दिया और उक्त लोगों का नाम बाढ़ राहत पोर्टल पर दर्ज कर धनराशि दिला दिया।
इसका भंडाफोड़ तब हुआ जब उक्त गांव के पीड़ित किसानों ने एसडीएम शोहरतगढ़ चंद्रभान सिंह को शिकायत पत्र देते हुए लेखपालों पर आरोप लगाते हुए कहा कि लेखपाल ने पैसे की मांग की जिन किसानों ने पैसा नहीं दिया उनका नाम बाढ़ राहत अनुदान लाभार्थी से काट दिया और जिनका बाढ़ से फसल को क्षति नहीं पहुंची उन किसानों से धन लेकर फर्जी गाटा संख्या दिखाकर बाढ़ राहत अनुदान का धन दिला दिया।
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए उपजिलाधिकारी शोहरतगढ़ ने जांच टीम गठित कर सत्यता का निष्पक्ष रूप से आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। राजस्व विभाग की टीम ने जांच की तो शिकायत सत्य पाया गया।
उपजिलाधिकारी शोहरतगढ़ ने तीन लेखपाल ओमप्रकाश, दुर्गेश शर्मा, जगदीश चौरसिया तथा अनुशासन की अवहेलना करने पर लेखपाल कमलेश मिश्रा को निलंबित कर दिया।
शोहरतगढ़ तहसीलदार अजय कुमार ने कहा कि उक्त तीनों लेखपालों की मिली भगत से शासकीय धन का दुरपयोग किया गया है। इनपर आगे की कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।
और उन्होंने कहा कि जो भी लेखपाल अनियमितता या पैसे की लालच में आकर सरकार कार्य में हेराफेरी व कास्तकारों से कार्य की एवज में रुपया लेते (घूसखोरी) करते पाया गया तो संबंधित के खिलाफ कारवाई की जाएगी।
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