ग्रामीण इलाके के आवेदनकर्ता अपना आवेदन बलाक कार्यालय पर देते हैं जिसे बी डी ओ अप्रूव करके तहसील कार्यालय पर भेज देने के बाद भूल जाते हैं , तहसील पर ब्लाक कार्यालय से कोई सेक्रेटरी या सहायक विकास अधिकारी वहां पैरवी नहीं करते जिस कारण से कई कई महीने की देरी होती है |
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ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी सभी जगह अब जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना टेढ़ी खीर हो गया है लोग लाख हाथ पाव मारे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है नए आदेश से अब केवल 21 दिन के अंदर जन्म या मृत्यु का आवेदन करने पर आसानी से बन जा रहा है लेकिन अगर किसी ने लेट किया तो गाँव कसबे से तहसील कार्यालय का दौड़ लगाते रहिए।
बढनी , शोहरतगढ़ और बर्डपुर ब्लक क्षेत्र के करीब तीन सौ से जादा मामले नौगढ़ और शोहरतगढ़ तहसील में पेंडिंग पड़े हुए है।
इस समय अगर किसी ने 21 दिन के बाद जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया तो उसको महीने दौड़ लगानी पड़ रही है।
नए नियम के तहत 21 दिन तक सचिव के माध्यम से बनेगा और 30 दिन तक एडीओ पंचायत, 30 दिन से उपर एक साल तक डीपीआरओ और एक साल से अधिक होने पर उपजिलाधिकारी के यहां से ही जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होगा इसी जानकारी के अभाव में लोग जन्म मृत्यु होने पर घर बैठ जाते है |
और जब ब्लक का चक्कर लगाते है तब उनको असली चीज का पता चलता है। सबसे ज्यादा दिक्कत आधार कार्ड बनवाने वाले बच्चो को हो रही है वे जब भी आधार बनाने वाले सेंटर पर जाते है तो जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है और इसी जन्म प्रमाण पत्र न होने की वजह से छोटे छोटे बच्चों का आधार कार्ड नहीं बनवा पा रहे है।
इस प्रकार तो गांव की गरीब भोली भाली जनता काफी हैरान परेशान हो रही है। कई ग्रामीणों ने बताया कि हम लोगो को जानकारी नहीं थी बच्चो का आधार कार्ड बनवाना है अब जन्म प्रमाण पत्र ही नहीं बन पा रहा है। काफी भागदौड़ लगानी पड़ रही है।
इस संबंध में एडीओ पंचायत महेश्वर पांडेय का कहना है कि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए 21 दिन के अंदर आवेदन कर देना चाहिए नहीं तो अब आगे बढ़ने पर समय लगेगा। सभी लोग जिसको भी जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकत है वे लोग समय रहते आवेदन कर प्रमाण पत्र बनवा ले नहीं तो आगे बढ़ने पर दिक्कत होगी।