मानव तस्करी से बच्चों और महिलाओं का चौतरफा शोषण होता है

गुरु जी की कलम से

बच्चों को नशे की लत ख्वाबों की दुनिया तथा आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया वाली रहन सहन से दूर रखते हुए परिवार में खुशनुमा माहौल बना कर रखें।

देश में मानव तस्करी के जरिए बच्चों और महिलाओं का शारीरिक मानसिक मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक विभिन्न प्रकार से शोषण हो ता है।

मानव तस्करी एक ऐसा अपराध है, जिसमें एक व्यक्ति धोखाधड़ी या जबरदस्ती बल का प्रयोग करके श्रम, सेवाओं या व्यावसायिक यौन संबंध के लिए दूसरे व्यक्ति को अपने वशीभूत कर उसका शोषण करता है।

इस अपराध में अपने उद्देश्यों और तरीकों से किसी मानव को अपराध करने या करा ने के लिए भर्ती करना, शरण देना, परिवहन करना, प्रावधान करना या प्राप्त करना भी शामिल है।

मानव तस्करी को ‘आधुनिक समय की गुलामी’ के अंतर्गत शामिल किया गया है, जहाँ पीड़ित शोषण की स्थिति से बाहर नहीं निकल सकते और उन्हें शोषण की स्थिति से बाहर निकल पाने से रोकने के लिए मानव तस्कर धमकियों, दंड, हिंसा, जबरदस्ती या धोखेआदि का सहारा ले उनकोनियंत्रित करता है कु छ मानव तस्कर पीड़ित के परिजनों को डर और शर्म को हथियार बनाकर पीड़ितों के परिवारों को उनके कलेजे के टुकड़े को मानव तस्करी के धंधे में धकेलने के बाद परिवार को चुप करा देते है।

समाज में युवती बच्चे या महिला कोई भी हो जो घर से भाग कर जाते हैं इनमें में से लगभग 20% लोगों के यौन शोषण के शिकार होने की संभावनाएं बनती है इनमें से ज्यादातर लोग मादक पदार्थों की तस्करी समाज विरोधी गतिविधियां और जघन्य अपराध में शामिल हो जाते हैं।

आर्थिक रूप से कमज़ोर महिलाओं और लड़कियों को हाई-फाई नौकरी सिनेमा में एक्ट्रेस हीरोइन का काम दिलाने का ऊंचा ख्वाब दिखाकर धन से परिपूर्ण राजशी ठाट-बाट की जिंदगी जी ने का लालच देकर मानव तस्कर घर से ले जाकर सेक्स व्यापार में धकेल देता है।

इसकी शुरुआत अक्सर मॉडलिंग में अच्छे काम के वादे से होती है, या फिर इसके लिए कोई ‘बॉयफ्रेंड’ ज़िम्मेदार होता है जो अपने वाक्यजाल मे फंसा कर घर से बाहर निकालने मैं सफलता पा जाता है।

घर के बाहर भाग करके जाने पर जब उस के पास रोजी-रोटी चलाने के लिए अपने काम करने का कोई विकल्प नहीं होता, उसे रोजगार तथा उसके द्वारा येन-केन कमाया गया पैसा कोई और ले लेता है, और मलिक यह भी नियंत्रित करता है कि वह कहां रहेगी और यहां तक ​​कि वह किससे बात कर रही है और कर सकती है तो ऐसी स्थिति पीड़िता के लिए बहुत ही भयावक होती है।

मानव तस्करी का एक कम प्रचलित प्रकार है, जिसमें किसी को बहुत कम या बिना किसी वेतन के खाना पकाने, सफाई करने या बच्चों की देखभाल करने के लिए मजबूर किया जाता है, अक्सर उसे ‘नियोक्ता’ के साथ घर में रहना पड़ता है और उसे अपना जीवन अपने तरीकेसे जीने की अनुमति भी नहीं होती है।

पीड़ितों को नशीली दवाएँ के सेवन करने या ले जाने
दुकानों से चोरी या जेबकतरी करने, सड़कों पर भीख मांगने या भीख मगाने के लिए , या धोखाधड़ी के लिए मजबूर कर इस्तेमाल किया जाता है। एक बार बल लोभ भय या किसी भी प्रकारसे यदि कोई भी जब इस धंधे में लग जाता है तो यह शातिर लोग उसका वीडियो बनाकर समाज में उसके उ स ‍ वीडियो को प्रचारित कर उसके मान प्रतिष्ठा को बर्बाद करने की धमकी देकर बार-बार उस से वही कु कुत्य करवाते रहते हैं।

कुछ जगहों पर तो ऐसी युवतियों के साथ कुछ समय के लिए जबरन विवाह कर ले तेहै जिसे आधुनिक समय की गुलामी के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। जिनमें वे महिलाएँ और लड़कियाँ रहतीं हैं, जो अक्सर पैसे और ऐसो आराम के चक्कर में दूसरे देश के किसी बड़े आदमी से विवाह करती है ये गुलामी, दासता, जबरन श्रम, ऋण बंधन, बाल श्रम, विवाह और वाणिज्यिक यौन शोषण में शामिल हो ती हैं।

धमकी या बल प्रयोग या अन्य प्रकार के दबाव, अपहरण, धोखाधड़ी, छल, सत्ता की स्थिति का दुरुपयोग या शोषण के उद्देश्य से किसी व्यक्ति पर नियंत्रण रखने वाले व्यक्ति की सहमति प्राप्त करने के लिए भुगतान या लाभ देने या प्राप्त करने के माध्यम से व्यक्तियों की भर्ती करना उन्हें ले जाना उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाना ऐसे लोगों को रहनेके लिए, आश्रय देना उनके द्वारा समाज विरोधी गतिविधियों से अर्जित धन में से हिस्सा लेना सभी अपराध की श्रेणी में आते हैं

मानव तस्करी एक शक्ति और नियंत्रण गतिशीलता है। जिसमें पीड़ित कई कारणों से फंस जाते हैं और छोड़ने से डरते हैं, जिनमें मनोवैज्ञानिक आघात, दस्तावेज़ीकरण की कमी, शर्म, भावनात्मक लगाव और निर्भरता, सिस्टम और कानून प्रवर्तन के प्रति अविश्वास, या खुद को या अपने परिवार के शारीरिक और मानसिक खतरे शामिल हैं
पीड़ितों का शोषण हेरफेर, भय, निर्भरता (ड्रग्स सहित), धमकियों या ऋण बंधन के माध्यम से किया जाता है।

किसी भी क्षेत्र से जुड़े किसी को निशाना बनाया जा सकता है और वह मानव तस्करी का शिकार बन सकता है।
अराजक घरेलू वातावरण की हालत में परिवार टूटता है तो हताश युवक। अपने भविष्य के बारे में ना सोच करके घर छोड़ देते है और रास्ते में उन लोगों को मानव तस्करी में लगे लोग मिल जाते हैं
जो शराब गांजा स्मैक आदि नशीली पदार्थो की लत के शिकार होने के कारण इन्हें रहने का कोई ठिकाना नहीं होता है यहां तक तो कुछ लोग जो मानसिक बीमारी से त्रस्त होते हैं ऐसे लोगो को थोड़ा सा हमदर्दी दिखा करके समाज विरोधी कार्यों में इन कों लोग आसानी से ले लेते हैं
शां न्ति पुर्न स्थापना गृह कपिलवस्तु नेपाल के जिला इंचार्ज डिल्ली राज लिमित्लिसना ने एक भेंट वार्ता में बताया कि मानव तस्करी के रोकथाम के लिए उनकी संस्था काफी दिनों से नेपाल कपिलवस्तु जनपद में काम कर रही है गत वर्ष संस्था द्वारा 9822 लोगों से परामर्श कर जानकारी लिया गया उनके नेपाल से प्रस्थान के कारण का समुचित उत्तर न देने के कारण उनमें से लगभग 346 लोगों को भारत जाने से रोक कर नेपाल उनके घर वापस करने में हम लोग सफल रहे मानव तस्करी के संबंध में पांच लोगों के ऊपर कानूनी कार्रवाई भी करवानी पड़ी और हमारी संस्था ने भारत के सिद्धार्थनगर गोरखपुर मुंबई और पंजाब से सात लोगों का नारकीय जीवन से उद्धार करने में सफलता प्राप्त किया है नेपाल के कपिलवस्तु जनपद में संस्था के 13 लोग
नेपाल से मानव तस्करी के रोकथाम में हमेशा तैयार रहते हैं वैसे भारत से जोड़ने वाली मुख्य जगह पर हमने अपने चार कार्यालय खोल रखे हैं हमारा कार्यालय कृष्णा नगर चन्द्रौटा मर्यादपुर चा कर चौड़ा में बना रखा है।
हमारे संस्था के संयोजक ऋषि राज भट्ट राई का प्रयास है महिला या युवती को बहला फुसलाकर मानव तस्कर सरहद पार न करा सके

error: Content is protected !!
Open chat
Join Kapil Vastu Post