सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में “फणीश्वर नाथ रेणु और उनका साहित्य”विषयक पर आयोजित हुआ राष्ट्रीय संगोश्ठी

जे पी गुप्ता

सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थ नगर के हिंदी विभाग के तत्वावधान में “फणीश्वर नाथ रेणु और उनका साहित्य” विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान लखनऊ के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. सदानन्द प्रसाद गुप्त ने कहा कि फणीश्वरनाथ रेणु की रचनाएं सामाजिक मूल्यों और मानवीय संवेदनाओं को प्रतिस्थापित करने का कार्य किया है।

उन्होंने ने कहा कि रेणु का शब्द संयोजन बहुत उच्च कोटि का है। गावँ समाज की भाषा के शब्दों को साहित्यिक ऊंचाई प्रदान कराते हुए वह आम लोंगो के हृदय के अंदर पहुच बनाने वाले रचनाकार हैं। रेणु ने साहित्य लेखन में कभी किसी का अनुकरण नहीं किया। उनका स्वयं कथन था कि मैला आंचल जब प्रकाशित हुई तो लेखकों ने उनको बहुत सम्मान दिया, क्योंकि रेणु एक छोटी सी बात को बहुत बड़ा स्वरूप देने वाले रचनाकार हैं। रेणु के साहित्य में परिवेश की प्रधानता है।

रेनू ने सर्जन की दृष्टि से या दर्शक की दृष्टि से नहीं लिखा बल्कि समाज और लोक की दृष्टि से अपनी रचनाएं लिखी। संतोष के सहारे जीवन यापन कर रहे वर्ग का चित्रण रेणु की रचनाओं में मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं की भांति दिखलाई देता है। मैला आंचल का मेरी गंज गांव इसका जीता जागता उदाहरण है। जहां पर आज भी ऐसा चित्रण मौजूद है।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सिद्धार्थ विश्विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव ने कहा कि समय के साथ फणीश्वर नाथ रेणु की दृष्टि और विचार मूल्यवाची होते जा रहें है।समाज जीवन को अंदर से पहचानने और उसका पुरजोर ढंग से अभिव्यक्ति के कारण ही रेणु जैसे साहित्यकारों की रचनाएं वर्तमान में अत्यंत प्रासंगिक हैं।

इसी कारण फणीश्वरनाथ रेणु विशिष्ट साहित्यकार माने जातें हैं। इन्होंने अपनी रचनाओं के द्वारा लोकजीवन में निरन्तर उजाला फैलाने का प्रयत्न किया है। कुलपति ने कहा कि रेणु की उपन्यास पर आधारित तीसरी कसम फिल्म को हम उदाहरण स्वरूप देख सकते हैं। कथाओं के शिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु ने सामाजिक राजनैतिक दोनों ही विषयों पर अपनी रचनाओं के माध्यम से एक अमिट छाप छोड़ी।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव राकेश कुमार ने फणीश्वर नाथ रेणु की प्रमुख रचनाओं के परिचय के साथ-साथ इस संगोष्ठी में आये हुए अतिथियों और देश के समस्त राज्यों से आए हुए हिंदी भाषा के विद्वानों एवं शोधार्थियों का स्वागत एवं अभिनन्दन किया। संगोष्ठी के संयोजक एवं अधिष्ठाता कला संकाय प्रोफेसर हरीश कुमार शर्मा ने बीज वक्तव्य में कहा कि फणीश्वर नाथ रेनू बहु आयामी व्यक्तित्व एवं कृतित्व के धनी थे, वह आंखों से भीगी हुई धरती पर प्यार उगाने वाले लेखक थे उन्होंने सांस्कृतिक जीवन पर राजनैतिक जीवन की प्रति छाया नहीं पड़ने दिया।

इनकी रचनाओं में लोकतंत्र की मौजूदगी सर्वत्र बिखरी पड़ी हैं। रेनू प्रेमचंद की परंपरा के उत्तराधिकारी एवं यथार्थवादी लेखक थे। रेणुका लेखन प्रेमचंद्र की तरह आदर्शोन्मुख यथार्थवादी हैं। हिंदी साहित्य के विद्वानों में एक कहावत प्रसिद्ध है कि ‘प्रेमचंद कहानी गढ़ते हैं और रेनू कहानी रचते हैं।

रेड की कहानी का उद्देश्य कांता समित उपदेश के समान हैं रेनू आंचलिकता प्रधान कथाकार हैं जो व्यक्ति प्रधान नहीं अपितु अंचल प्रधान होती है रेणु की विचारधारा आमजन की विचारधारा थी अपने लेखन के बल पर ही हिंदी साहित्य में वह उच्च स्थान पर प्रतिष्ठित हैं,रेणु के लेखन में भाषा का सर्वाधिक महत्व है विश्वनाथ त्रिपाठी जी का कथन है कि रेल गद्दी आत्मक गद्य साहित्य के लेखक हैं और रेणुका माटी से बड़ा लगाव था।

विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के निदेशक पवन कुमार आईएएस ने रेणु के विषय में अपने विचार रखते हुए कहा कि रेनू एक ऐसे रचनाकार हैं, जो आज भी प्रासंगिक हैं। जिन्होंने आंचलिकता जैसी एक नई शैली को जन्म दिया रेणु हर वर्ग के लेखक हैं रेनू को उनकी भाषा के लिए जाना जाता है जिनका साहित्य वैचारिक रूप से समाज को समृद्ध करता है। उन्होंने कहा कि रेनू को सुना भी जाता है और गुना भी जाता है।

इस अवसर पर डॉ सत्येंद्र दुबे,डॉ रेणु त्रिपाठी,डॉ जय सिंह यादव, डॉ नीता यादव,डॉ सुनीता त्रिपाठी,डॉ धर्मेद्र वर्मा,डॉ कपिल गुप्ता डॉ सचिदानन्द चौबे,डॉ आभा द्विवेदी,डॉ विमल वर्मा, डॉ अरविंद रावत डॉ देवबख्श सिंह डॉ नीरज सिंह,डॉ अमित साहनी,डॉ बन्दना गुप्ता सहित हिंदी साहित्यिक जगत डॉ0 अजीत कुमार पूरी प्रो0 मधुसूदन अलीगढ़, डॉ0 सत्यप्रकाश पाल , प्रो0 सिद्धार्थ शंकर सिंह छपरा विश्वविद्यालय,प्रो0 अजय कुमारडॉ0 विजयानंद मिश्र,डॉ0राम पांडेय सहित बड़ी संख्या में विद्ववान श्रोता सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ अविनाश प्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे।

error: Content is protected !!
Open chat
Join Kapil Vastu Post