मदरहिया में दो रोजा जलसे के खिताब में वक्ताओं ने बालिका शिक्षा के महत्व पर दिया जोर

गर्ल्स कॉलेज के फाउंडर हाजी बदरे आलम साहब ने कहा जिस घर की बेटियां पढ़ी लिखी होती हैं उनके घर में हमेशा उजाला रहता है ।

निज़ाम अंसारी शोहरतगढ़

तुलसियापुर चौराहे से सटे मदरहिया में उम्मे ऐमन गर्ल्स कॉलेज के परिसर में दो रोजा जलसे का शुक्रवार को आयोजन किया गया। जलसे में क्षेत्र के अलावा दूरदराज से आए शायरों ने कलाम पेश ‘किए। मौलाना अलहाज सैयद सुहेल मियां बिलग्रामी ने कहा कि कुरान व सुन्नत पर अमल कर हर मुसलमान को अपनी जिंदगी गुजारनी चाहिए। कुरान हमें बेहतर तरीके से जिंदगी जीने का रास्ता बताता है।

मौलाना गुलाम जिलानी अजहरी ने कहा कि तालीम सभी के लिए बेहद जरूरी है। बड़े-बड़े मदरसे व मकतब के बन जाने से तालीम का मयार व मकसद पूरा नहीं हो सकता, जब तक उन मदरसों में बेहतर शिक्षक नियुक्त न हो। बच्चों की तालीम के लिए हर मां बाप को जागरूक होना होगा। कहा कि लड़कियों की तालीम बेहद जरूरी है। जलसे को खिताब करते हुवे जमदाशाही के आलिम ने अपने खिताब में कहा कि अगर आप मक्का और मदीने की जियारत जाकर नहीं कर सकते तो मदीना अपने पास ही बुलवाकर दीदार कर लें लेकिन इसके लिए आपको अल्लाह के लिए कुछ बड़ा कारण होगा दीन में बताए गए रास्तों पर चलकर आप ऐसा कर सकते हैं ।

मदरसे में दीन व इस्लाम
की तालीम के साथ-साथ विज्ञान, कढ़ाई , बुनाई , सिलाई, अरबी, हिंदी, उर्दू, कंप्यूटर, गणित को पढ़ाने का बेहतर इंतजाम किया जाना चाहिए, ताकि पढ़ने वाले बच्चे सभी तरह की तालीम से रू-ब-रू हो सकें। कारी निशार ‘कलकत्तववी मौलाना जहीर आदि ने भी तकरीर की।

इस दौरान मौलाना आफाक, आयोजक हाजी बदरे आलम, अनवारुल्लाह, नूर आलम, अनवर आलम, मो. शफीक, परवेज खान, बब्बू खान, कारी राजिउल्लाह , हाफिज एज़ाज़ , मो इमरान , हाजी सेराजुल्लाह , नेता सफीक खान , कारी मुस्ताक अहमद, कारी निसार अहमद आदि मौजूद रहे।

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