मंगल पांडेय का वलिदान युवा पीढ़ी के लिए आज भी है प्रेरणा स्रोत

kapilvastupost reporter

सिद्धार्थनगर। आजादी के अमृत महोत्सव के क्रम मे इतिहास विभाग सिद्धार्थ विश्वविधालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थनगर द्वारा शहीद मंगल पांडे की जयंती के उपलक्ष्य में, 1857 के प्रथम स्वतन्त्रता आन्दोलन में अमर शहीद मंगल पांडे का योगदान विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम पर बोलते हुए आजादी के अमृत महोत्सव के नोडल अधिकारी डॉ सुनीता त्रिपाठी ने कहा कि आज़ादी की प्रारंभिक लड़ाई 1857 में ही प्रारम्भ हो गई थी जिसमे अमर शहीद मंगल पांडे का योगदान अविस्मरणीय है। भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणात्मक भी है। अपने जीवन को समर्पित करते हुए मंगल पांडे प्रथम स्वतन्त्रता आंदोलन को गति प्रदान करने में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। मंगल पांडेय का वलिदान युवा पीढ़ी के लिए आज भी प्रेरणा स्रोत है।

मुख्य वक्ता दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ के समन्यवक एवं इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ सच्चिदानन्द चौबे ने अपने वक्तव्य में कहा कि अमर शहीद मंगल पांडे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत मंगल पांडे राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के भविष्य की दिशा देने वालो में अग्रणीय हैं।

मुख्य अतिथि के रुप में हिन्दी विभाग की सहायक आचार्य डॉ रेनू त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में कहा कि अमर शहीद मंगल पांडे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 के सिर्फ नायक के रुप में ही नहीं बल्कि उस धरा का मान बढ़ाया, जिस धरा को विश्व सिरमौर, वसुंधरा का गौरव, भारत माता, जहां पर देवता भी जन्म पाने के लिए तरसते हैं, इस पावन धरा पर जन्म लेने वाले प्रत्येक प्राणी की पुनीत अभिलाषा होती है कि मेरे देश की पावन भूमि स्वर्ग से भी सुंदर बनकर विश्व में सर्व श्रेष्ठ हो, मंगल पांडे ने इसका भरपूर इस्तेमाल कर हम सभी में सदैव देश हित में कार्य करने की आकांक्षा पैदा करने का कार्य किया।

विशिष्ट अतिथि की भूमिका का निर्वहन करते हुए राजनीति विज्ञान विभाग की सहायक आचार्य डॉ सरिता सिंह ने अपने वक्तव्य में कहा कि अमर शहीद मंगल पांडे प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के जननायक के रुप में स्वीकार करने वाले प्रत्येक कार्य को करने हेतु अपने प्राणों की आहुति देश हित में समर्पित कर दिया।

अध्यक्षीय उद्बोधन में कला संकाय के अध्यक्ष प्रो हरीश कुमार शर्मा जी ने कहा कि अमर शहीद मंगल पांडे का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणात्मक है, जिस प्रकार उन्होंने अपने जीवन के इतने कम समय में देश हित में इतना बड़ा त्याग और बलिदान दिया वह सदैव चिर स्मरणीय होगा।

कार्यक्रम में छात्र, छात्राओं द्वारा प्रतिभाग करते हुए अमर शहीद मंगल पांडे का देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, के प्रति अपने विचार व्यक्त करते हुए यह स्वीकार किया गया कि हमें उस समय के ब्रिटिश सरकार के अत्याचार को सदैव याद रखते हुए अमर शहीद मंगल पांडे के प्रति हृदय में सदैव स्थान बनाए रखना चाहिए। उनके क्रांतिकारी विचारों तथा इसके उद्देश्यों को समझना होगा, और उसे अपने जीवन पथ पर आत्मसात कर देश व राष्ट्र हित में कार्य करना होगा।

छात्र कृष्णा प्रसाद ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के क्रम मे अमर शहीद मंगल पांडे के जन्म दिवस मनाने का उद्देश्य केवल उस समय की परिस्थितियों को याद नहीं करना है बल्कि शहीदों की याद में हमें सदैव अपने व समाज के दायित्व, कर्त्तव्य, मूल्य को जानने एवं समझने की जरूरत है , इन्होंने कहा कि उन विषम परिस्थितियों में मंगल पांडे ने एक चिर स्मरणीय कार्य किया।

छात्र सूर्यांश ने विचार व्यक्त करते हुए मंगल पांडे द्वारा अपने प्राणों की आहुति प्रदान कर राष्ट्र को अपने को समर्पित किया उस हालात से अवगत कराता है बल्कि आज के समय में कैसे अपने राष्ट्र हित की रक्षा एवं उत्थान पर विचार किया जाना सुनिश्चित हो, इस पर भी ध्यान आकृष्ट करता है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ यशवन्त यादव , सहायक आचार्य, इतिहास विभाग, ने किया। कार्यक्रम में विश्व विद्यालय के सम्माननीय शिक्षक गण के साथ साथ सभी छात्र छात्रा मौजूद रहे। विशेष रुप में विश्व विद्यालय के छात्र अनुज उपाध्याय, रीमा जायसवाल, संघमित्रा राव, साधना कसौधन, स्नेहलता पाण्डेय, संध्या साहू, करन , अमीर, मुहम्मद हुसैन तथा विश्व विद्यालय के कर्मचारी गण उपस्थित रहे।

error: Content is protected !!
Open chat
Join Kapil Vastu Post