1984 में बना प्राइमरी विद्यालय जर्जर मूल्यांकन के बाद ध्वस्तीकरण
जर्जर विद्यालय में पढ़ाई के बाद भी गांव के बच्चे जाते हैं खेलने कूदने जर्जर विद्यालय कभी भी बड़ी घटना को दे सकता है दावत
संजय पांडे शोहरतगढ़/ सिद्धार्थनगर
शोहरतगढ़ विकास क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत महली में 1984 में यह बना प्राइमरी स्कूल काफी जर्जर हो चुका है। स्कूल की सीलिंग (छत) ईट होने के कारण यह समय सीमा से पहले धराशाई हो रहा है। आज से करीब 15 वर्ष पहले इसी प्राइमरी स्कूल के पुरब में प्राइमरी स्कूल एवं मिडिल स्कूल का नया निर्माण करवाया गया था। तभी से बच्चे उसी स्कूल में पढ़ते लिखते हैं। इस स्कूल में करीब 150 बच्चे हैं।100 बच्चे प्रतिदिन यहां पढ़ने आते हैं। उसमें कई ऐसे नासमझ बच्चे है जो समय से पहले स्कूल पर पहुंच कर जर्जर स्कूल के अंदर खेलने कूदने लगते है। गांव के उत्तर साइड बना यह स्कूल करीब 38 साल पुराना हो चुका है। मुख्य बात यह है कि गांव के इस तरफ एक बड़ी आबादी रहती है। जिसमें महिलाएं और बच्चों की अधिक संख्या है। जो आबादी से 60 से 70 मीटर की दूरी पर स्थित है। जिससे गांव के बच्चे भी स्कूल के अंदर खेलने कूदने चले जाते हैं। गांव वालों का कहना है कि अगर यह स्कूल तय समय पर धराशाई नहीं किया गया तो किसी बड़े घटना को अंजाम दे सकता है। वही जब इस संदर्भ में खंड शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिला अधिकारी महोदय द्वारा अधिकारियों की टीम गठित की गई है जो विद्यालय जर्जर उनका मूल्यांकन कर उसका जो मूलांक होगा उसी के आधार पर विद्यालय का ध्वास्तीकरण कराया जाएगा ।