आधुनिक समय में संस्कृत भाषा की प्रासंगिकता – डॉ ओमप्रकाश शास्त्री

kapilvastupost reporter

सिद्धार्थनगर। उत्तर-प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा संचालित 20 दिवसीय संस्कृत भाषा शिक्षण कक्षा के बौद्धिक सत्र कार्यक्रम का शुभारंभ ध्रुव कुमार तिवारी द्वारा वैदिक मंगलाचरण से किया गया। अतिथियों का परिचय एवं कार्यशाला का वृत्तकथन संस्थान के प्रशिक्षक एवं सत्र संयोजक दीनदयाल शुक्ल के द्वारा किया गया। संस्थान की रूपरेखा व्यक्त करते हुए कहा कि संस्थान की स्थापना 31 दिसंबर 1976 में हुआ तभी से यह संस्थान संस्कृत भाषा के प्रति निरंतर प्रयासरत होकर विभिन्न माध्यमों से संस्कृत वाग्व्यवहार कार्यशाला ऑनलाइन संस्कृत भाषा शिक्षण कार्यक्रम तथा अनेक सांस्कृतिक आयोजनों के द्वारा संस्कृत भाषा के विकास में निरंतर प्रयत्नशील है । प्रत्येक माह में 3 से 4 हजार तक छात्र-छात्राएं संस्कृत भाषा को सीख रहे हैं। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में योग प्रशिक्षण कार्यशाला का संचालन भी किया जा रहा है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में आए हुए संस्कृत-भारती कानपुर प्रान्त के उपाध्यक्ष एव नेहरू महाविद्यालय के संस्कृतविभागाध्यक्ष ओमप्रकाश तिवारी के द्वारा आधुनिक समय में संस्कृत भाषा की उपादेयता पर प्रकाश डाला गया। इसके साथ-साथ संस्कृत भाषा भारत की आत्मा है, यदि भारत के विषय में जानना है तो हमें संस्कृत भाषा को सीखना होगा। बिना संस्कृत ज्ञान के भारत के विषय में हम नहीं जान सकते हैं। किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति संगठन में रहकर ही हो सकती हैं।

अतः सभी को संगठित होकर के कार्य करना चाहिए।यथा वेद में भी कहा गया है “एको हम् बहु स्याम्।”इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान के प्रशिक्षण प्रमुख सुधिष्ठ कुमार मिश्र, निदेशक विनय श्रीवास्तव, प्र.अधिकारी डॉ दिनेश मिश्र, सर्वेक्षिका डॉ. चंद्रकला शाक्या, प्रशिक्षण प्रमुख सुधिष्ठ मिश्र तथा प्रशिक्षण समन्वयक धीरज मैठाणी का सानिध्य पाकर संस्कृत भाषा शिक्षण कार्यशाला में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों के द्वारा अपना अनुभव कथन, लघु कथा तथा संस्कृत गीतों को प्रस्तुत कर सभी के मन को मोह लिया गया।

कार्यक्रम का संचालन संस्थान की प्रशिक्षिका डॉ स्तुति गोस्वामी के द्वारा किया गया। प्रशिक्षिका मीना कुमारी के द्वारा पधारे हुए समस्त अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा प्रशिक्षिका अनीता वर्मा के द्वारा शान्ति मन्त्र किया गया। ओनलाईन माध्यम से संचालित इन कक्षाओं का निरीक्षण समन्वयक दिव्यरंजन, राधाशर्मा तथा नागेश दूबे ने किया। इस अवसर पर संस्थान के समस्त प्रशिक्षक एवं संस्थान के समस्त अधिकारी गण और भारी संख्या में प्रतिभागी उपस्थित रहें।

error: Content is protected !!
Open chat
Join Kapil Vastu Post