पथरी के मरीजों के लिए वरदान बन रहा आयुष्मान
आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत लाभार्थी नि:शुल्क उपचार का लाभ उठा रहे हैं। जिले में पथरी के 314 लाभार्थियों ने योजना का लाभ लिया है, जिसमें से 144 की ओपन सर्जरी हुई है और 170 ने लैप्रोस्कोपी से ऑपरेशन कराया है।
“डॉ. लक्ष्मी सिंह, जिला समन्वयक” (आयुष्मान भारत योजना)
👍जिले के 314 पित्त के थैली के पथरी के मरीजों की हुई सर्जरी
👍योजना से जुड़े लाभार्थी उठा रहे उपचार का लाभ
kapilvastupost reporter
सिद्धार्थनगर। पथरी के मरीजों के लिए आयुष्मान भारत योजना वरदान साबित हो रही है। जिले में योजना के तहत पंजीकृत लाभार्थी आयुष्मान कार्ड के जरिए उपचार का लाभ उठा रहे हैं। अब तक 314 पित्त के थैली में पथरी के मरीजों ने सर्जरी करा कर योजना का लाभ लिया है।
बलरामपुर जिले के उतरौला क्षेत्र के सेखुईयां गांव निवासी शमा परवीन (39) बताती हैं कि उनकी पित्त की थैली में पथरी थी, लेकिन इसकी जानकारी नहीं थी। दर्द उठने पर गैस व दर्द की दवा खा लेती थीं। थोड़ा आराम 00000मिल जाता था, लेकिन पूरी तरह से राहत नहीं मिलती थी। अक्टूबर माह में उन्होंने सीएचसी उतरौला पर समस्या बताकर सलाह ली।
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वहां चिकित्सक ने दवा देकर राहत न मिलने पर अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। दवा से राहत न होने पर सप्ताह भर बाद अल्ट्रासाउंड कराया, जिसमें पित्त की थैली में पथरी होने की जानकारी हुई, लेकिन यह परिजनों को विश्वास नहीं हो रहा था। चिकित्सक ने ऑपरेशन कराने की सलाह दी। विश्वास न होने पर अगले दिन उतरौला में ही दूसरे सेंटर पर अल्ट्रासाउंड कराया तो वहां भी पथरी होने की पुष्टि हुई।
लाभार्थी बताती हैं कि गरीबी में जीवन यापन कर रहा परिवार ने पहले से बनवाए हुए आयुष्मान कार्ड का लाभ लेने के लिए डुमरियागंज क्षेत्र में रह रहे रिश्तेदारों से सम्पर्क किया। रिश्तेदारों ने योजना के तहत डुमरियागंज में पंजीकृत निजी हॉस्पिटल में ऑपरेशन की सुविधा होने की जानकारी दी। इसके बाद अक्टूबर माह के आखिरी सप्ताह में उन्होंने ऑपरेशन कराया। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
👍गरीबी में वरदान है योजना
लाभार्थी के पति शहंशाह बताते हैं कि कोविड काल के लॉकडाउन के बाद से वह बाहर नहीं गए और उतरौला में रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। वह पत्नी का ऑपरेशन कराने के लिए परेशान थे, लेकिन आयुष्मान भारत योजना से काफी राहत मिली।