कालानमक की अच्छी पैदावार के लिए परंपरागत बीजों का करें प्रयोग
abhishek shukla
भनवापुर। कालानमक की अच्छी प्रजाति के लिए परंपरागत बीज पर वैज्ञानिक काम करें। कृषि विज्ञान केंद्र सोहना में बुधवार को निरीक्षण व समीक्षा बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह ने ये बातें कहीं। केंद्र पर चल रही कालानमक परियोजना एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत स्थापित मछली पालन, मुर्गी पालन इकाई व बतख पालन तथा कृषि यंत्र शेड आदि का निरीक्षण किया।
केंद्र पर उपस्थित प्रगतिशील किसानों से आय दोगुनी करने बागवानी आदि पर विस्तृत चर्चा की। समीक्षा बैठक के दौरान वैज्ञानिकों से कहा कि जिले के कालानमक की मांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी है। इसको देखते हुए अच्छी प्रजाति के लिए परंपरागत (ट्रेडिशनल) बीज पर काम करने की जरूरत है। इस दौरान डॉ. ओपी वर्मा, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. सर्वजीत कुमार, डॉ. एसके मिश्र, डॉ. एसएन सिंह मौजूद रहे।