20 मार्च 2022 विश्व गौरैया दिवस पर कुछ विशेष जानते हैं टाइगर बाबू का गौरैया संरक्षण के क्षेत्र में अब तक का सफर
आज जहाँ लोग इस नन्ही चिडिया को विलुप्त होने से बचाने की सोच रखते हैं वह चाहते हैं जो कुछ इस प्रयावरण में 80 के दशक में था वह सब कुछ आज के दौर में रहे हम उन्हें देखें और एन्जॉय करें सब को सबकी फिकर है लेकिन इस बीच एक सवाल यह भी है कि आज जितनी जरूरत इस चिड़िया को बचाने की है उतनी ही जरूरत आज इंसानियत को बचाने की है समाज को बचाने की जरूरत है सोचिये कि जब कल को हिन्दुस्तान से मुसलमान नामक चिडिया गायब हो जाएगी तब भी इस को संरक्षण की आश्यकता होगी एक भारत शसक्त भारत के निर्माण के लिए |
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बहरहाल आइये अभी इस मुहीम के बारे में जानने की कोशिश करते हैं जिस पर पूरी दुनिया में गौरैया चिड़िया के लिए आज विश्व गौरैया चिड़िया दिवस के रूप में उसके संरक्षण और विकास के उपाय की कोशिश हो रही है ऐसी ही एक सफल कोशिश चिल्हिया थाना क्षेत्र के नौजवान अनवारुल हक उर्फ़ टाइगर बाबु भी इस मुहीम का हिस्सा हैं पिछले कई वर्षों से
घोंसले से दाना पानी तक
इस लिए काफी लोगों ने घोंसला बनवा के एवं कुछ लोगों ने खरीद कर अपने घरों में लगाया है। कुछ ने जूते चप्पल के डिब्बों को भी आशियाना बनाया |
घोंसले तीन तरह से लगते है
एक घर- घर जाकर लगाते हैं,दूसरे में लोग मैसेंजर पर पूछ लेते हैं और उनको देकर लगाए जाते हैं ये दो तरीके में हमलोग अपने तरफ से देते हैं बाकी लोग अपने हाथ से घोसला बनाकर लगाते हैl
फेसबुक पर पोस्ट के माध्यम से जागरूकता
फेसबुक पर पोस्ट करने का उद्देश्य ये है कि लोगों के नजर के सामने से ये अभियान रोज रोज गुजरे जिससे वो इसके बारे में सोंचने पर मजबूर हो जाये और उनको के एहसास हो जाये कि ये भी जरूरी है और गौरैया बचाओ अभियान में हम लोग का साथ दे और हम लोग इसमें काफी सफल हो सकते हैं।
इस अभियान का उद्देश्य
इस अभियान का एकमात्र उद्देश्य लोगों का ध्यान गौरैया संरक्षण की तरफ आकर्षित करना है, लोग इसके प्रति जागरूक हों।
जागरूकता का असर
इंटरनेट के माध्यम से लोगों को गौरैया संरक्षण के लिए जागरूक भी कर रहा हूँ.. और इसका असर भी दिखने लगा है अलीगढवा बाजार बर्डपुर मोहाना मे लोग अपने दुकानों घरों के आगे कृत्रिम घोषला लगा रहे हैं |
गौरैया संरक्षण में टाइगर बाबु के परिवार की भूमिका
टाइगर बाबु बताते हैं की मेरा पूरा परिवार सुबह से लग जाता है गौरैया की सेवा मे…
आज घर के चारों तरफ गौरैया ने घोषला बनाया है और सैकड़ों की संख्या में उनके झुण्ड की चह्चहांती मीठी मीठी आवाज मैन को बहुत शुकून देती है बहुत ख़ुशी मिलती है |
एक छोटी सी पहल है इस नन्ही चिड़िया को मनाने का…. बहुत से गांव हैं जहाँ पर एक भी गौरैया दिखाई नही देती है लेकिन पल्टा देवी मे अब गौरैया की तादाद धीरे धीरे बढ रही है… सपना है एक दिन इनकी संख्या बढेगी तो गांव को लोग Sparrow Village के नाम से जानने लगे…
बस यही संदेश देना है की हमारे घर बडे हों गये हैं पर दिल छोटा है इन नन्ही गौरैया के लिए अपने घरों मे जगह देना होगा कृत्रिम घोषला बनाकर लगाना होगा इनके दाना पानी रखना होगा..
गौरैया कहीं गयी नही है ये हमारे आस पास ही हैं बस थोडा सा प्यार दाना पानी कृत्रिम घोषला फिर प्रस्थिति बदलते देर नही लगेगी… हम कुछ कर के इस दुनिया से रूखसत हों की आने वाली पीढी याद करे हम आने वाली पीढी के लिए तोहफे मे गौरैया देकर जाएं|