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बी जे पी के सहयोगी अपना दल एस के विधायक विनय वर्मा द्वारा अपने ही सरकार के खिलाफ जारी अनशन को लेकर विपक्षी पार्टी की तरफ प्रतिक्रिया आने लगी है जो अपने आप में सरकार की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठ रहे हैं।
Kapilvastupost
सत्ता पक्ष के सहयोगी दल के विधायक शोहरतगढ़़ विनय वर्मा का जनहित को अनदेखी करने के मुद्दे पर अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठना अपने आप में गम्भीर मुद्दा है।
सरकार को अपनी बद से बदतर हो चुकी छवि को और अधिक धूमिल होने से बचायें रखने के लिए इस पर ठोस और प्रभावी कदम तत्काल उठाने चाहिए।
किसी एसपी के स्थानान्तरण मात्र से स्थिति में सुधार हो जायें इसकी कोई गारन्टी नहीं है। अतः स्थानान्तरण के दबाव को छोड़कर थानों की कार्य प्रणाली में सुधार की बात पर जोर डालना अधिक उचित होगा, जो आज की सबसे बड़ी जरूरत है।
उ0प्र0 मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के बार-बार घोषणा के बावजूद थानों में पीड़ितों कीएफआईआर न लिखा जाना एक आम बात हो चुकी है।
पुलिस अधीक्षक को दृढ़ इच्छा शक्ति दिखाते हुए इस प्रवृत्त को रोकना होगा अन्यथा जिला पुलिस प्रमुख होने के नाते अंततोगत्वा उन्हें ही इसका जिम्मेदार माना जायेगा।
विधायक विनय वर्मा के अतिरिक्त अन्य अनेक गणमान्य लोगों का भी यह मानना है कि शोहरतगढ़ की पुलिस को लोगों के प्रति अधिक सम्वेदनशील और जिम्मेदार होना पड़ेगा, अन्यथा उनकी इस गैर जिम्मेदाराना कार्य प्रणाली का खमियाजा वरिष्ठ अधिकारियों को भी उठाना पड़ सकता है जो उचित नहीं होगा।
उक्त बातें वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नर्वदेश्वर शुक्ल व सदस्य एआईसीसी, पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री उ0प्र0 अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश नागरिक समिति ने मीडिया से कहीं।
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