मानव तस्करी की रोकथाम हेतु कार्यशाला का हुआ आयोजन

जे पी गुप्ता

सिद्धार्थनगर। मानव तस्करी की रोकथाम हेतु शनिवार पुलिस लाइन स्थित सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सिद्धार्थनगर पुलिस व मानव सेवा संस्थान सेवा गोरखपुर द्वारा किया गया। कार्यशाला में पुलिस क्षेत्राधिकारी शोहरतगढ़ हरीश चंद्र सहित समस्त थानों के बाल कल्याण अधिकारी, एव एसएसबी के सभी बीओपी से जवान मौजूद रहे।

कार्यशाला में मानव तस्करों के हर तौर-तरीके के साथ-साथ सीमा पर नागरिकों को मानव तस्करी के खिलाफ प्रेरित करने के बारे में अवगत कराया गया। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मानव सेवा संस्थान सेवा के निदेशक राजेश मणि ने बताया कि मानव तस्करी को कई तरीके से बदल बदल कर तस्करों द्वारा किया जाता है।

फर्जी प्लेसमेंट एजेंसियां भी कुछ है जो टूरिस्ट वीजा देकर लोगो को बेवकूफ बना कर उन्हें विदेश भेज देती है जिससे वे फस जाते है। मानव तस्करी एक संगठित अपराध है, इसमें कई कड़िया होती हैं। मानव तस्करी का शिकार अधिकतर जागरूकता की कमी के कारण लोग होते है। इसी तरह से बच्चों को तस्करी कर उन्हें बालमजदूरी के लिए प्रयोग किया जाता है।

कोविड के दौरान एन एच आर सी के रिपोर्ट के अनुसार 27 लाख कॉल महिला व बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के टोल फ्री नम्बर पर आए। जिसमें कई केश ह्यूमन ट्रैफकिंग के निकले इस तरह से हम देख सकते हैं कि आपदा जैसी परिस्थितियों में भी मानव तस्कर अपना स्वरूप बदल कर तस्करी करने से नही चूकते।

इस लिए हम सब को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए इस संगठित अपराध को रोकने के लिए सहयोगी एजेंसियों के सहयोग से पूरा प्रयास करना चाहिए। बहुत से केश में रात हो जाती है ऐसे केस में जिले में वन स्टाप सेंटर को क्रियाशील होना चाहिए। बहुत से केस में स्कूल ड्रेस में बच्चों को एडमिशन का बहाना बनाकर तस्करी किया जाता है जो कि काउंसलिंग से पता चलता है।

ऐसे लोगो को रोकने के काउंसलिंग किया जाता है, केस फाइंड होने पर एसएसबी एव पुलिस की मदद से कार्यवाही की जाती हैं। सिद्धार्थनगर जिले के तीन सीमा ककरहवा, खुनुवा, बढ़नी पर मानव सेवा संस्थान सेवा लगातार मानव तस्करी को रोकने के लिए लगातार कार्य कर रही है।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी शोहरतगढ़ हरीश चंद्र ने कहा कि सभी बाल कल्याण अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए मानव तस्करी पर लगाम लगाए। मानव तस्करी से सम्बंधित यदि कोई केस रहे तो इसकी सूचना एएचटीयू एव सीडब्लूसी को प्राथमिकता के तौर पर उपलब्ध कराएं।

मानव सेवा संस्थान के प्रोग्राम मैनेजर रोहन सेन ने सभी को प्रोजेक्टर के माध्यम से मानव तस्करी के केशो को डिफाइन करते हुए इसे रोकने के तरीके बताए।

इस दौरान एएचटीयू प्रभारी निरीक्षक बृजेश सिंह, यूनिसेफ से नीरज शर्मा, सीडब्लूसी से प्रकाशिनि श्रीवास्तव, प्लान इंडिया से प्रसून शुक्ला, मानव सेवा संस्थान सेवा के केंद्र प्रभारी जय प्रकाश गुप्ता, गोमा वीसी, राम नरेश यादव, बाल कल्याण अधिकारी धर्मेन्द्र यादव, डीके प्रजापति, शिव नरायन सिंह एव सभी थानों के बाल कल्याण अधिकारी एव एसएसबी के समस्त बीओपी से जवान मौजूद रहे।

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