यूक्रेन से लौटे भारतीय मेडिकल छात्रों के लिए पोर्टल बनाये केंद्र सरकार
मीडिया रिपोर्ट्स
नई दिल्ली – उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि रूस के साथ युद्ध के कारण यूक्रेन से वापस आए मेडिकल छात्रों की मदद के लिए केंद्र एक वेब पोर्टल बनाए, जिसमें ऐसे विदेशी विश्वविद्यालयों का निर्धारित विवरण हो जहां प्रभावित छात्र सरकार के शैक्षणिक गतिशीलता कार्यक्रम के अनुसार अपना पाठ्यक्रम पूरा कर सकें।
न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि एक पारदर्शी प्रणाली होनी चाहिए तथा वेब पोर्टल में वैकल्पिक विदेशी विश्वविद्यालयों में उपलब्ध सीटों की संख्या और फीस का पूरा विवरण स्पष्ट होना चाहिए, जहां से छात्र अपना पाठ्यक्रम पूरा कर सकते हैं। सुनवाई की शुरुआत में, केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि
वह कोई प्रतिकूल रुख नहीं अपना रहे हैं और उन्होंने पीठ के सुझावों पर सरकार से निर्देश लेने के लिए समय दिए जाने उग का अनुरोध किया। पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 23 सितंबर की तारीख निर्धारित की। उच्चतम न्यायालय उन छात्रों द्वारा दायर विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई कर रहा है, जो विदेशी मेडिकल कॉलेज या विश्वविद्यालयों में पहले से चौथे वर्ष के मेडिकल छात्र हैं। ऐसे छात्र भारत में मेडिकल कॉलेजों में स्थानांतरण की मांग कर रहे हैं। यूक्रेन से लौटे भारतीय मेडिकल छात्रों की उम्मीदों को बृहस्पतिवार को उस वक्त झटका लगा, जब केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को अवगत कराया कि कानून के प्रावधानों के अभाव में उन विद्यार्थियों को भारतीय चिकित्सा महाविद्यालयों में समायोजित नहीं किया जा सकता है।
बताते चले कि NMC national medical council ने छात्रों की उत्कृष्टता और कम मार्क को लेकर आरोप लगाए हैं साथ ही साथ फीस प्रक्रिया का वहन न कर पाने को लेकर छात्रों के विरोध में है।