हिमस्खलन से 10 पर्वतारोहियों की मौत
32 की तलाश जारी, रेस्क्यू ऑपरेशन रोका मौसम ठीक होने पर दोबारा रेस्क्यू शुरू किया जाएगा
मीडिया रिपोर्ट्स
देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थिति द्रोपदी का डांडा-2 पर्वत चोटी पर मंगलवार को हुए हिमस्खलन में फंसे 29 पर्वतारोहियों में से दस की मौत हो गई है। पीटीआई के मुताबिक नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्राचार्य अमित बिष्ट ने हिमस्खलन में दस पर्वतारोहियों की मौत की पुष्टि की है। सभी पर्वतारोही नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस ट्रेनिंग कोर्स कर रहे थे।
डोकरानी बामक ग्लेशियर में द् हिमस्खलन की चपेट में आने शव नेहरू पर्वतारोहण संस्थान(निम) के 34 प्रशिक्षु और सात पर्वतारोहण प्रशिक्षक वहां फंसे थे। निम कर्नल अजय बिष्ट ने बताया कि इस दौरान नौ पर्वतारोहियों के शव बरामद हुए हैं। वहीं, 32 पर्वतारोही अभी भी लापता हैं। वहीं डीएम अभिषेक रूहेला ने बताया कि मौसम खराब होने की वजह से अभी रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया है। मौसम ठीक होने पर दोबारा रेस्क्यू शुरू किया जाएगा।
इससे पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने घटना की सूचना मिलने पर केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से फंसे पर्वतारोहियों को सुरक्षित निकालने के लिए वायु सेना की टीम को भेजने का अनुरोध किया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हिमस्खलन पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर घटना की जानकारी ली और वायु सेना को बचाव और राहत अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिये।
मौके पर जिला प्रशासन, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, सेना और भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस की टीमें लगाई गई हैं। उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने एएनआई को बताया कि हिमस्खलन में फंसे प्रशिक्षुओं की खोज और बचाव के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर तैनात किये गये हैं। डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एयरफोर्स से शासन ने. संपर्क किया है।
एसडीआरएफ कमांडेंट मंणिकांत मिश्रा ने बताया कि सहस्त्रधारा हेलीपैड से एसडीआरएफ की पांच टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं। तीन टीमों को रिजर्व में रखा गया है। जरूरत पड़ने पर इन टीमों को भी रवाना किया जाएगा। नेहरु पर्वतारोहण संस्थान निम का डोकरानी बामक ग्लेश्यिर में द्रोपदी डांडा-2 पहाड़ी पर बीते 22 सितंबर से बेसिक/एडवांस का प्रशिक्षण चल रहा था।