बाढ़ पीड़ित ,करौता ,टीकर,चिरहगना नकोल डीह, मुराव डीह,पन्नापुर, शीवदुलारे डीह,वेलहेडीह,तमकुहवा खैरी आदि गाँव की स्थित ख़राब विधायक ने जिला प्रशासन पर लगाया आरोप लोगों की सुरक्षा और सुविधा के नाम पर कोई सहायता नहीं
निज़ाम अंसारी
बाद्ध से जूझ रहे शोहरतगढ़ विधानसभा के एक दर्जन गाँव की स्थित नाजुक बनी हुई है | शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा ने सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया तो वहाँ की व्यवस्थाओं को देखकर दंग रह गया। बाढ़ से प्रभावित बाढ़ पीड़ित ,करौता ,टीकर,चिरहगना नकोल डीह, मुराव डीह,पन्नापुर, शीवदुलारे डीह,वेलहेडीह,तमकुहवा खैरी आदि गाँव की स्थित कठिन परिस्तिथियों में है गाँव में पहुंचते ही महिलाओं ने विधायक को घेर कर अपनी बात कही अपनी सारी समस्याओं को हमारे समक्ष रखा।
विधायक ने इन क्षेत्रों में तत्काल प्रभाव से आवश्यक सभी चीजों ( राशन, दवाई, एनडीआरएफ की टीम तथा सबसे महत्वपूर्ण स्वचालित नावें आदि) मुहैया कराने हेतु जिलाधिकारी से मांग की है कि वो इसे गंभीरता से लें और उचित व्यवस्था जल्द से जल्द मुहैया करायें। जितनी जल्दी हो सके बाढ़ में फँसे ग्रामीणों को सुरक्षित जगह पर पहुँचाया जाये।
ज्ञात हो कि इस संबंध में तीन पत्रों के माध्यम से vidhayak ne शासन और प्रशासन को पहले ही आगाह किया हुआ है और अगर अब कोई अनहोनी होती है तो इसके ज़िम्मेदार जिलाधिकारी ही होंगा जिसके बाद रविवार को डी एम साहब ने बाढ़ पीड़ित गाँव का दौरा किया |
जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा हर संभव मदद का भरोषा
जिले में पिछले दिनों से बारिश होने से नदियों की जलस्तर बढ़ गया है। वहीं नेपाल देश से पानी लगातार आ रहा है जिस कारण बाढ़ से बढनी ब्लाक के दर्जनों गांव पानी से घिर चुका हैं और आवागमन बाधित हो गया है। अब लोग नाव की सहायता से अपना कार्य करते हैं। बूढ़ी राप्ती नदी दूसरे दिन भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और बढ़त पर है, जबकि राप्ती नदी लाल निशान के करीब पहुंच चुकी है। दूसरे नदियों का भी जल स्तर बढ़ चुका है। इससे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र लोगों पर खतरा मंडराने लगा है।
शोहरतगढ़ क्षेत्र में बूढ़ी राप्ती, बानगंगा, घोरही नदी व सोतवा नाले का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बढ़नी के खैरी शीतल प्रसाद गांव सहित नकोलडीह जाने वाले मार्ग,पन्नापुर मार्ग व तमकुहवा के मार्ग,बालानगर,तौलिहवा के मार्ग पर पानी बह रहा है। ग्रामीणों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन मार्गों पर नाव की सहायता से आवागमन हो रहा है।
इस क्षेत्र के बूढ़ी राप्ती नदी व सोतवा नाले का पानी भी भुतहवा, मटियार, गड़रखा, झुंगहवा आदि गांवों के खेतों में पानी भर चुका है। जिलअधिकारी संजीव रंजन ने दौरा किया। उन्होंने कहा कि हर वर्ष यह इलाका बाढ़ की कहर की सामना करता है। फसल बर्बाद होने के साथ घर बह और टूट जाता है। लोगों के मदद के लिए हर संभव प्रयास प्रशासन कर रहा है। क्षेत्र में कोई समस्या होती है तो संबंधित अधिकारियों को तत्काल सूचित करें ताकि उस समस्या का फौरन समाधान हो सके।
संबंधित अधिकारियों को सूचना दे दिया हूँ क्षेत्र में अपना नजर बनाएं रखे। तहसील प्रशासन द्वारा दो और नाव की व्यवस्था कर दिया गया है। कथित तौर पर कहा जाता है कि लोगों द्वारा केवल बाढ़ के समय में लाई, सब्जी, बिस्किट ,दवा देकर चले जाते हैं। फसल मुवाज़ा तो केवल कागजो में सिमट कर रह जाती है। आम जनता तक नहीं पहुँचता है। हमारा क्षेत्र, गरीबों की बस्ती हैं यहाँ पर न शुद्ध चिकित्सा मिलती है और न ही रोजागर जिससे हमारा जीवन चल सके।
लेखपाल भी केवल कोरम पूरा करके चले जाते हैं। ग्रामीणों ने कहा टिकर और भूतहवा के बीच बांध बनने के कारण हम लोगों के गांव में पानी भर जाता है और फसल बर्बाद हो जाता है। हमारे क्षेत्र में धान,गेंहू और सब्जी की खेती सबसे ज्यादा होती है। वही हम लोगों का आजीविका है जो बाढ़ हर साल अपने चपेट में ले लेती हैं। इस दौरान उपजिलाधिकारी शोहरतगढ़, लेखपाल, पत्रकार रवि शुक्ला, रामकुमार, रामसिंह, श्यामसुन्दर, मनोज कुमार आदि लोग उपस्थित रहे।