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प्रेम चन्द गौड़
राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में 10 अगस्त से 28 अगस्त तक एमडीए (सर्वजन दवा सेवन) अभियान स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जाएगा, जिसमें 1 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की जनसंख्या को ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर आशा/ आंगनबाड़ी के माध्यम से घर-घर जाकर अपने सामने ही फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराया जाएगा। इस अभियान के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन के लिए स्वयंसेवी संस्था पीसीआई (प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल) अंतर्विभागीय समन्वय एवं सोशल मोबिलाइजेशन में स्वास्थ्य विभाग को अपना सहयोग प्रदान कर रही है। जिला मलेरिया अधिकारी सुनील चौधरी ने बताया कि जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए अगले 5 साल तक कम से कम 85% जनसंख्या को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करना अनिवार्य है। यह बीमारी संक्रमित मच्छर के काटने से फैलती है।
फाइलेरिया लाईलाज बीमारी है तथा दुनिया में दीर्घकालिक विकलांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं तथा गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर हर किसी को इस अभियान के दौरान दवा का सेवन अवश्य करना चाहिए।
सामान्य बीमारी की दवा खा रहे लोगों के लिए भी यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है। कभी-कभी संक्रमित व्यक्ति के शरीर में माइक्रोफाइलेरिया होने के कारण दवा सेवन के उपरांत प्रतिक्रिया स्वरूप मिचली, उल्टी, सर दर्द, बुखार जैसी सामान्य प्रतिक्रिया हो सकती हैं जो आमतौर पर दो-तीन घंटे में स्वत: ठीक हो जाती है।
जिला समन्वयक पीसीआई आनंद मोहन पाण्डेय ने बताया कि जन जागरूकता के अभाव में लोग फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन नहीं करते हैं किंतु प्रत्येक स्वस्थ व्यक्ति को फाइलेरिया से बचाव हेतु दवा का सेवन करना नितांत आवश्यक है, प्रदेश सरकार 2027 तक फाइलेरिया मुक्त उत्तर प्रदेश बनाने का संकल्प लिया है जिसे पूरा करने के लिए पंचायती राज विभाग, आपूर्ति विभाग, स्वयं सहायता समूह तथा शिक्षा विभाग के सहयोग से यह अभियान ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में एक साथ चलाया जाएगा।
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