शहीदों की अमरगाथा पर व्याख्यान : जलियां वाला बाग नरसंहार एक कुत्सित मानसिकता का द्योतक है

जे पी गुप्ता

सिद्धार्थनगर : आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तत्वावधान में बुद्धवार को इतिहास विभाग , सिद्धार्थ विश्वविधालय कपिलवस्तु सिद्धार्थ नगर द्वारा सत्याग्रह दिवस (जलियां वाला बाग शहीदी दिवस) के उपलक्ष्य में शहीदों की अमरगाथा पर व्याख्यान एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि डॉ सत्येन्द्र कुमार दुबे, सहयुक्त आचार्य, हिन्दी विभाग ने कहा कि हमें सही मायने में आजादी को समझने के लिए अमृत महोत्सव के मूल्य का जानना होगा। इन मूल्यों को अपने जीवन पथ पर आत्मसात कर देश व राष्ट्र हित में कार्य करना होगा।

डॉ सुनीता त्रिपाठी, अध्यक्ष, लोक प्रशासन विभाग एवं सह अधिष्ठाता , कला संकाय ने मुख्य अतिथि की भूमिका का निर्वहन करते हुए कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के क्रम में सत्याग्रह दिवस मनाने का उद्देश्य केवल उस समय की परिस्थितियों को याद नहीं करना है बल्कि शहीदों की याद में हमें सदैव अपने व समाज के दायित्व, कर्त्तव्य, मूल्य को जानने एवं समझने की जरूरत है |

डॉ सुनीता कहा कि उन विषम परिस्थितियों में हमारे स्वतंत्रता सेनानी किस प्रकार से अपने प्राणों की आहुति प्रदान कर राष्ट्र रक्षा का संकल्प पूरा करते थे, इन्होंने कहा कि जिस समय जलियां वाला बाग नरसंहार हुआ था उस समय एक ऐसा कानून देश में प्रभावी था जिसके अन्तर्गत किसी भी व्यक्ति द्वारा अपने को दोष रहित सिद्ध करने के सभी रास्ते बन्द थे, इस कानून को, न कोई अपील, न कोई दलील और न कोई वकील, के रुप में समझा जा सकता है।

कितने सेनानी शहीद हुए इसका एक अनुमानित आंकड़ा ही प्राप्त होता है। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता की भूमिका का निर्वहन करते हुए डॉ सच्चिदानन्द चौबे, अध्यक्ष, इतिहास विभाग, एवं समन्वयक, दीन दयाल उपाध्याय, शोध पीठ, सिद्धार्थ विश्वविधालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थ नगर, ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जाना केवल इस कारण से ही प्रासंगिक नहीं है कि यह हमें उस समय की दशा व हालात से अवगत कराता है |

बल्कि आज के समय में कैसे अपने राष्ट्र हित की रक्षा एवं उत्थान पर विचार किया जाना सुनिश्चित हो, इस पर भी ध्यान आकृष्ट करता है। इन्होंने कहा कि जलियां वाला बाग नरसंहार एक कुत्सित मानसिकता का द्योतक है, कि एक निहत्थी भीड़ पर माइकल डायर द्वारा आदेशित जनरल डायर गोलियां चलवाता है। जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग मरते हैं और हजारों की संख्या में घायल होते हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही आदरणीया डॉ नीता यादव, अध्यक्ष, प्राचीन इतिहास, पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग, एवं समन्वयक महिला अध्ययन केन्द्र, सिद्धार्थ विश्वविधालय, कपिलवस्तु, सिद्धार्थ नगर, ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के क्रम में सत्याग्रह दिवस के रुप में जलियां वाला बाग शहीदी दिवस मनाने का संकल्प हमारी सरकार का एक अनोखा व अविस्मरणीय कार्यक्रम है|

जिसमें हम उन वीर जवानों व शहीदों को नमन करते हुए उन्हें याद करते हैं, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति प्रदान कर देश की मान, सम्मान की रक्षा किया, उनकी कुर्बानी हमें सदैव याद रखना होगा, जिससे हमारा देश व राष्ट्र अक्षुण्ण बना रहे और प्रत्येक जनमानस के पटल पर एक सारग्रभित छाप छोड़ने का कार्य करे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ यशवन्त यादव , सहायक आचार्य, इतिहास विभाग द्वारा किया गया । तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ अमित कुमार साहनी ,सहायक आचार्य, अंग्रेजी विभाग , सिद्धार्थ विश्वविधालय कपिलवस्तु सिद्धार्थ नगर, द्वारा किया गया । मीडिया प्रभारी के दायित्व का निर्वहन करते हुऐ डॉ अविनाश प्रताप सिंह , प्रभारी राजनीति विज्ञान विभाग , सिद्धार्थ विश्वविधालय कपिलवस्तु सिद्धार्थ नगर,कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित रहे ।

कार्यक्रम में सभी विभागों के आदरणीय व सम्माननीय शिक्षक गण मौजूद रहे। विशेष रुप में डॉ प्रज्ञेश नाथ त्रिपाठी, डॉ हरेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ रविकान्त शुक्ला, डॉ अरविन्द कुमार रावत, डॉ शारदेंदु कुमार त्रिपाठी, आदि उपस्थित रहे। सम्पूर्ण कार्यक्रम में छात्र छात्राओं की भूमिका अग्रणी रही।

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