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nizam ansari
बांसी (सिद्धार्थनगर):
रामलीला मैदान जदीद बाजार में रविवार को सुबह 11 बजे प्रशासन का बुलडोजर चला और शाम 4 बजे तक 1299 वर्ग मीटर भूमि पर बने 17 भवनों को जमींदोज कर दिया गया। इनमें चार रिहायशी मकान, 13 दुकानें और गोदाम शामिल थे। इस कार्रवाई में 44 हिस्सेदारों को प्रभावित किया गया। प्रशासन ने इसे अतिक्रमण करार दिया जबकि समाजवादी पार्टी ने इसे ‘तानाशाही’ और ‘जनता पर अत्याचार’ बताया।
कार्यवाही के दौरान जैसे ही जेसीबी मशीनें मकानों की ओर बढ़ीं, विरोध के स्वर तेज हो गए। सपा जिलाध्यक्ष लालजी यादव, पूर्व विधायक विजय पासवान और नेता बेचई यादव डाक बंगला गेट पर समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। उन्होंने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और कार्यवाही को तत्काल रोकने की मांग की। पुलिस ने इन सभी को हिरासत में लेकर शिवनगर डिडई थाने भेज दिया।
“हिंदू परिवारों को मुसलमान बताकर हटाया जा रहा है” – सपा
धरने के दौरान सपा नेताओं ने आरोप लगाया कि “मंगल बाजार में वर्षों से रह रहे हिंदू परिवारों को कुछ भाजपा नेताओं द्वारा सीएम के सामने मुसलमान बताकर निशाना बनाया गया है। 1950 से पहले की रजिस्ट्री होने के बावजूद मकानों को गिरा दिया गया। यह जमीन कब्जा नहीं, बल्कि सांप्रदायिक राजनीति का हिस्सा है।”
वहीं, मौके पर मौजूद पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्रवाई को कोर्ट और तहसील स्तर पर हुई जांच के बाद की गई वैधानिक कार्यवाही बताया।
DM डॉ. राजा गणपति आर. की सतर्क निगरानी में हुई कार्यवाही
करीब छह महीने पहले रामलीला मैदान पर अतिक्रमण की शिकायत जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर. से की गई थी। जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद तीन बार पैमाइश कराई गई। नोटिस देने के बाद भी कब्जा नहीं हटाया गया, तो शनिवार को बुलडोजर चलाने का आदेश जारी किया गया, जो तकनीकी कारणों से रविवार को अमल में आया।
खुद एसडीएम बांसी शशांक शेखर राय और एसडीएम डुमरियागंज डॉ. संजीव कुमार दीक्षित मौके पर मौजूद रहे।
सपा नेताओं को किया गया हाउस अरेस्ट
संभावित विरोध को देखते हुए सपा नेता मोनू दूबे, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मो. इदरीश पटवारी और ध्रुव चंद्र जायसवाल को पहले ही नजरबंद कर दिया गया था, ताकि ध्वस्तीकरण कार्य में कोई बाधा उत्पन्न न हो।
जिले भर की फोर्स, PAC तैनात – बना रहा युद्ध जैसा माहौल
कार्रवाई को देखते हुए जिले भर से भारी पुलिस बल, PAC जवान, नायब तहसीलदार, कोतवाल, सीओ व अन्य अधिकारी तैनात रहे। रामलीला मैदान युद्धक्षेत्र जैसा दिखाई दे रहा था। कोतवाल संतोष कुमार तिवारी, एसएचओ शोहरतगढ़ बिंदेश्वरी मणि त्रिपाठी, खेसरा एसओ चंदन कुमार, शिवनगर डिडई एसओ शशांक सिंह समेत जिले की पुलिस अलर्ट मोड पर थी।
बिजली आपूर्ति भी रोकी गई
सुरक्षा के लिहाज से मंगल बाजार फीडर की बिजली आपूर्ति छह घंटे के लिए बंद कर दी गई थी, जिससे करीब 10 हजार की आबादी प्रभावित हुई। तेज गर्मी में जनता को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
समाजवादी पार्टी ने इसे प्रशासनिक तानाशाही करार देते हुए ऐलान किया है कि वह इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष को और तेज करेगी। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह मुद्दा राजनीतिक रूप से कितना गर्माता है।
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