

निरीक्षण के दौरान एडीएम गौरव श्रीवास्तव ने गांव में चौपाल लगाकर ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ के समय राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ते ही गांव का मुख्य मार्ग कट जाता है, जिससे संपर्क पूरी तरह बाधित हो जाता है। ऐसे में ग्रामीणों को मोटर बोट की सहायता से बाहर आना-जाना पड़ता है। साथ ही नदी द्वारा लगातार हो रहे कटान से गांव की ज़मीन भी तेजी से बह रही है। बताया गया कि नदी करीब 50 मीटर अंदर तक खिसक चुकी है।
- बुद्ध पूर्णिमा विशेष: जब दुनिया को चाहिए शांति, तब याद आते हैं महात्मा बुद्ध
- 11 करोड़ के धान घोटाले में बड़ी कार्रवाई: पीसीएफ सिद्धार्थनगर के निलंबित जिला प्रबंधक सेवा से बर्खास्त, आर्थिक अपराध शाखा कर रही जांच