रक्षा बंधन – बहन बेटियों की रक्षा हमारी जिम्मेदारी : विनय वर्मा

डा0 शाह आलम

रक्षाबन्धन भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार भाई-बहन को स्नेह की डोर में बांधता है। इस दिन बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर रक्षा का बन्धन बांधती है, जिसे राखी कहते हैं।

यह एक हिन्दू व जैन त्योहार है जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। श्रावण (सावन) में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी (सावनी) या सलूनो भी कहते हैं।[3] रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है। राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलावे, रेशमी धागे, तथा सोने या चाँदी जैसी मँहगी वस्तु तक की हो सकती है।

रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते का प्रसिद्ध त्योहार है, रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य है। रक्षाबंधन के दिन बहने भगवान से अपने भाईयों की तरक्की के लिए भगवान से प्रार्थना करती है। राखी सामान्यतः बहनें भाई को ही बाँधती हैं परन्तु ब्राह्मणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा सम्मानित सम्बंधियों (जैसे पुत्री द्वारा पिता को) भी बाँधी जाती है।

इस पवित्र त्यौहार पर शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा ने लोगों का बधाई देते हुवे कहा कि बहन बेटियों की रक्षा हमारी जिम्मेदारी है, जिसे हर हाल में सदैव निभाता रहूँगा । ए बातें आज रक्षा बंधन के शुभ अवसर पर बहनों से राखी बंधवाने के दौरान विधानसभा क्षेत्र शोहरतगढ के विधायक विनय वर्मा ने कही है। श्री वर्मा ने कहा कि मैं अपने विधानसभा क्षेत्र की सम्मानित बहनों बेटियों को आज नमन करते हुए उनसे इस पवित्र पर्व पर उनका स्नेह एवं आशीर्वाद मांगता हूं। आज रक्षा बंधन अवसर पर बहन बेटियों को उनकी रक्षा करने का उन्हें भरोसा दिलाता हूँ ।

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