शोहरतगढ़ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र – मोमबत्ती और माचिस को तरस रहे बालानगर, कचरिहवा, लालपुर से सटे गाँव , तहसील मुख्यालय से महज 10 किमी पर नही मिला प्रशासनिक मदद?
● शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र के बालानगर, कचरिहवा समेत लालपुर में बाढ़ के 13 दिन बाद भी प्रशासन की नही पड़ी नजर? रात में रहता है घूप अँधेरा
● भारतीय मानवाधिकार परिवार जिलाध्यक्ष नीलू रुंगटा की अगुवाई में बाढ़ प्रभावित गाँव बालानगर, कचरिहवा समेत लालपुर में बितरण हुआ पाकेट फ़ूड और कपडे
इन्द्रेश तिवारी / रमेश गुप्ता
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर
शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र के महदेइया गाँव के दक्षिण स्थित बालानगर, कचरिहवा समेत लालपुर आदि गाँव आज भी चारों तरफ पानी से घिरा हुआ है। ज्यादेतर बाढ़ प्रभावित गाँव टापू का रूप ले चुके है। करीब 13 दिन से क्षेत्र के कोटिया दीगर आदि गाँव अब भी बाढ़ की चपेट में है। कोटिया दीगर ग्रामीणों का दावा है कि 13 दिनों के बाद भी प्रशासनिक स्तर पर किसी प्रकार की मदद नही मिली और न ही किसी जनप्रतिनिधियों की नज़र ही पड़ी है।
जानकारी मिलने पर भारतीय मानवाधिकार परिवार के जिलाध्यक्ष नीलू रुंगटा अपनी टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र बालानगर, कचरिहवा समेत लालपुर आदि गावों में बितरण हेतु बिस्कुट, पानी, कपड़ा आदि लेकर निकल पड़े।
महदेइया गाँव के दक्षिण होकर जाने वाले गाँव बालानगर, कचरिहवा समेत लालपुर आदि में जब उन्हें आने-जाने का रास्ता नही मिला और न ही बोट मिली तो स्थानीय लोगों की मदद से चलने वाले नाव से मजबूरन क्षेत्रीय सुग्रीम यादव, सिंगर गौरी शंकर देहाती समेत ग्रामीणों की मदद से गाँव मे बिस्कुट, पानी आदि बितरण कराया।
गाँव में खाद्यान्न बितरण कर रहे सुग्रीम यादव ने बताया कि बिजली समेत स्वास्थ्य सुविधाओं की संकट है, जिस पर उन्होंने प्रशासनिक स्तर पर मदद दिलाने की बात कही। इसके साथ ही भारतीय मानवाधिकार परिवार की टीम बसाहिया ग्राम पंचायत के टोला लक्ष्मी नगर में जरूरतमंदों को पकड़ा उपलब्ध कराया। उन्होंने लोगों की मदद करने के लिए अधिवक्ता रिपुंजय सहाय एवं अधिवक्ता संघ की सराहना की है।
बातचीत के दौरान क्षेत्रीय गौरी शंकर देहाती ने बताया कि तहसील क्षेत्र के नदवालिया, अमहवा, महदेइया, प्रताप पुर उर्फ राजा कोहा, रामापुर, कोमरी, बालानगर आदि दर्जनों गांवों में ग्रामीण 15 दिनों से लाइट का इंतजार कर रहे है। ग्रामीणों का आरोप है कि विजली विभाग के कतिथ जिम्मेदार गाँव मे बिजली सप्पलाई के नाम पर अवैध बसूली की बात करते है।
उन्होंने यह भी कहा कि बिजली न होने के कारण सबसे ज्यादे खतरा साँप आदि से है। किसी प्रकार की घटना होने पर ग्रामीणों ने बिजली विभाग को जिम्मेदार ठहराने की बात की है।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि महेंद्र निषाद ने कहा कि बालानगर, कचरिहवा समेत लालपुर आदि गांव में प्रशासन से कोई मदद नही मिली है, जबकि यहाँ के लोग काफी परेशान है। साथ ही कहा कि बाढ़ के कारण फसल खराब हो गयी है और तहसील प्रशासन के लोग क्षेत्र को मैरुण्ड नही घोषित कर रहे है, जबकि हमारी फसल पूरी तरह से खराब हो चुकी है।
इसके साथ ही डीके सिंह से सुविधाओं को लेकर सवाल उठाए। बिजली सन्दर्भ में जेई सुरेंद्र कुमार से बात हुई तो उन्होंने कहा कि फाल्ट मिल गया है, शीघ्र ही सप्लाई चालू हो जाएगी।