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Kapilvastupost reporter
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर के वाणिज्य संकाय द्वारा शनिवार को अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र का आयोजन किया गया। इस सत्र में लुंबिनी वाणिज्य कैंपस काठमांडू विश्वविद्यालय के कैंपस चीफ प्रो. तारा प्रसाद उपाध्याय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
उन्होंने कहा की भारत और नेपाल दोनो की शिक्षण व्यवस्था लगभग एक जैसी है किंतु पाश्चात्य संस्कृति के प्रति हमारा रुझान हमारी अपनी शिक्षण व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा की भविष्य वाणिज्य एवं प्रबंधशास्त्र के विद्यार्थियों का है तथा सम्पूर्ण शिक्षा जगत का नेतृत्व वाणिज्य एवं प्रबंधशास्त्र के विद्यार्थी ही कर सकते हैं।
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो. दिनेश चहल विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। प्रो. चहल ने अपने व्याख्यान में समस्त प्रतिभागियों एवं विद्यार्थियों को बुद्धिजीवी एवं श्रमजीवी बनने का संदेश दिया। साथ ही उन्होंने भगवद गीता के श्लोकों के माध्यम से प्रबंधशास्त्र के सिद्धांतों को समझाया। उन्होंने यह भी कहा की जीवन का संपूर्ण सार भगवद गीता में मिल जाता है।
समापन सत्र की अध्यक्षता वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो. दीपक बाबू ने की तथा धन्यवाद ज्ञापन एम. बी. ए. विभागाध्यक्ष प्रो. सौरभ ने किया। कार्यक्रम में आयोजन सचिव डॉ. मनीष शर्मा ने दो दिवसीय संगोष्ठी में प्रतिवेदन का वाचन किया। समारोह का संचालन डॉ. शिवम् शुक्ला ने किया।
इस अवसर पर डॉ. अखिलेश दीक्षित, डॉ. दिनेश प्रसाद, डॉ. नीरज सिंह, डॉ. विमल चंद्र वर्मा, डॉ. दीपक जयसवाल, डॉ. कहकशां खान, डॉ. हफीज, डॉ. किरण गुप्ता एवं डॉ. रक्षा उपाथित रहे।
समापन सत्र से पूर्व दो तकनीकी सत्रों का संचालन किया गया।
जिनकी अध्यक्षता प्रो. सुधीर कुमार शुक्ला, वाराणसी एवं प्रो. पुष्पेन्द्र सूर्या ने की तथा प्रो. रविन्द्र रैना, साउथ अफ्रीका एवं प्रो. गुल इकराम, तुर्की ने बीज वक्तव्य दिया। उक्त दोनों सत्रों में कई शोध पत्रों का वाचन किया गया। इस अवसर पर भारी संख्या में शोधार्थी, विद्यार्थी एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे।
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