सर्किल रेट की समीक्षा के साथ दोबारा सर्वे करने का आदेश दिया गया है ,जल्द दूर होगी किसानों कि असहमति – डीएम

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250 खातेदारों की 50.5 हेक्टेयर जमीन खरीदने की है योजना

प्रभावित किसानों ने जिलाधिकारी से की मुलाकात, किसानों से मांगा जा रहा है सहमति पत्र

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जाकिर खान / निजाम अंसारी

सिद्धार्थनगर । जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया की
कपिल वस्तु क्षेत्र के किसान की समस्या जनहित
मे हैं ।

किसानों ने मुझसे मुलाकात की और उन्होंने अपना पक्ष प्रस्तुत किया। सर्किल रेट की समीक्षा की जा रही है । मार्ग के मामले में दोबारा सर्वे करने का आदेश दिया गया है। जल्द ही सभी किसानों की असहमति दूर हो जाएगी।

उक्त बाते जिला अधिकारी पवन अग्रवाल ने बताया कि
सदर तहसील के कपिलवस्तु विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गनवरिया स्तूप के पास जमीन की खरीद की जा रही है।

किसानों का तर्क है कि साल 2017 से उनकी जमीन का सर्किल रेट नहीं बढ़ाया गया है। जबकि आसपास की जमीन का सर्किल रेट बढ़ा और वहां की कीमत अधिक हो गई है। इसके अलावा सड़क और चकरोड को दर्शाने के मामले में भी एतराज है ।

आगे उन्होंने बताया कि किसानों ने मुझसे मुलाकात की और उन्होंने अपना पक्ष प्रस्तुत किया। सर्किल रेट की समीक्षा की जा रही है । मार्ग के मामले में दोबारा सर्वे करने का आदेश दिया गया है। जल्द ही सभी किसानों की असहमति दूर हो जाएगी ।

विदित हो कि नेपाल के लुंबिनी की तर्ज पर कपिलवस्तु के विकास के लिए जमीन खरीदने के मामले में सर्किल रेट पर किसानों की असहमति बनी हुई है।

तीन गांवों के 250 खातेदारों की 50.5 हेक्टेयर जमीन खरीदने की योजना है। सर्किल रेट से चारगुनी दर पर जमीन की खरीद होनी है, । लेकिन तीन माह से किसानों ने सहमति पत्र नहीं दिया है। इस मामले में किसानों ने एक दिन पहले जिलाधिकारी पवन अग्रवाल से मुलाकात की है। किसानों की मांग पर जिलाधिकारी ने फिर सर्वे कराने का आश्वासन दिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ठकुरापुर, गनवरिया और पिपरहवा की जमीन खरीदी जा रही है। यहां के किसानों में सर्किल रेट पर एतराज है।

इनमें सबसे बड़े खातेदार अब्दुल कलाम का कहना है कि जिलाधिकारी ने न्याय का भरोसा दिया है। सरकारी स्तर पर जो मुआवजा दिया जा रहा है, उससे अधिक कीमत सीधे किसी निजी व्यक्ति बेचने पर मिल जाती है। यदि सर्किल रेट कम करने की साजिश न की जाती तो नुकसान नहीं होता।

मुश्तकीम का कहना है कि खेती से ही दो जून की रोटी का इंतजाम होता था, यदि सरकार न लेती तो खेत कभी नहीं बेचते। हम लोग विकास के पक्ष में हैं, लेकिन खुद के साथ हो रही नाइंसाफी से दुखी हैं।

जहां मार्ग है, उसे भी नहीं मानी सड़क
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प्रभावित क्षेत्र के किसानों ने रविवार शाम गनवरिया स्तूप के पास बैठक कर सर्किल रेट के मुद्दे पर चर्चा की। हकीकुल्लाह ने कहा कि अलीगढ़वा से पूर्व ठकुरापुर होते हुए पश्चिम ठकुरापुर तक सड़क बनी है।

यह पक्की सड़क है। इसी सड़क से एक मार्ग निकला है, । जो गनवरिया तक जाता है। छह मीटर का रास्ता है। लोग इसी रास्ते से आते-जाते हैं। किसी सरकारी योजना से इसे पक्की सड़क बनाने का कार्य नहीं हुआ है। सिकंदर ने कहा कि ठकुरापुर से निकलकर गनवरिया तक जाने वाली सड़क में दो स्थानों पर पुलिया भी बनी है।

शासन-प्रशासन ने विकास नहीं किया तो हम लोगों का नुकसान क्यों हो रहा है। इस मार्ग के किनारे का रेट निर्धारण सड़क के अनुसार होना चाहिए।

किसानों ने बयां किया दर्द
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। क्षेत्र के किसान हकीकुल्लाह व अन्य का कहना है कि
सभी लोग विकास के पक्षधर हैं लेकिन सर्किल रेट पर असहमति है। जिलाधिकारी ने सर्वे कराने का आश्वासन दिया है। इससे हमें उम्मीद है कि न्याय होगा। इसी मामले में हमने बैठक की है। जनपद मार्ग और लिंक मार्ग का सरकारी रेट पिपरहवा में 1 करोड़ 25 लाख हेक्टेयर है तो ठकुरापुर गनवरिया स्तूप का 1 करोड़ से ऊपर होना चाहिए।

सड़क की जमीन है तो रेट वही लगना चाहिए
क्षेत्र के किसान -राम सागर ने कहा गनवरिया और ठकुरापुर का रेट 58 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर है, जबकि पिपरहवा का 70 लाख प्रति हेक्टेयर है। वहीं, बर्डपुर नंबर दो की जमीन 80 लाख प्रति हेक्टेयर बताई गई है। यह नुकसान नहीं होना चाहिए।

क्षेत्र के किसान मो हुसैन व अर्जुन प्रसाद ने कहा कि ठकुरापुर और गनवरिया सड़क किनारे का चार लाख से पांच लाख रुपये प्रति मंडी बताई गई है। जबकि सर्किल रेट से चार गुनी कीमत मिलने पर भी एक लाख 45 हजार रुपये मंडी हो रहा है। प्रशासन को पुनर्विचार करना चाहिए।

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