सचिव और प्रधान की जुगलबंदी से मचा खेल, पांच गुना मजदूरों की हो रही फर्जी हाजिरी दर्ज डीएम डॉ. राजा गणपति आर. ने कसा शिकंजा, मुकदमे की तैयारी शुरू

विकास खंड बढ़नी और शोहरतगढ़ में एक दर्जन गांव ऐसे हैं जहाँ मनरेगा कार्यस्थलों को डी एम साहब को व्यक्तिगत रूप से देखना चाहिए 

परमात्मा उपाध्याय 

शोहरतगढ़ और बढ़नी विकास खंड के गांवों में ग्राम विकास अधिकारियों और सचिवों की मिलीभगत से मनरेगा में बड़ा खेल चल रहा है। असलियत में काम करने वाले गिने-चुने मजदूर होते हैं, जबकि कागजों में पांच गुना ज्यादा लोगों की हाजिरी भर दी जाती है। इस फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला शोहरतगढ़ विकास खंड के जमुनी गांव में सामने आया है, जहां मुंबई और हैदराबाद में रह रहे लोगों की भी हाजिरी बनाई जा रही थी।

जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर. को ग्रामीणों ने शिकायत दी थी कि गांव के कई लोग बाहर काम कर रहे हैं, फिर भी उनकी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जा रही है। डीएम के आदेश पर जब जांच हुई तो मामला सही पाया गया। मौके पर 85 मजदूरों के सापेक्ष केवल 30 ही कार्य करते मिले।

डीडीओ की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 4 अप्रैल को 65, 5 अप्रैल को 59, 8 अप्रैल को 54 और 9 अप्रैल को 65 मजदूरों की ऑनलाइन हाजिरी बनी, जबकि 6 और 7 अप्रैल को कोई काम ही नहीं कराया गया। हैरानी की बात यह है कि हाजिरी में जिन लोगों के नाम दर्ज हैं, वे फिलहाल मुंबई और हैदराबाद में रह रहे हैं।

डीएम ने लिया संज्ञान, मुकदमे की तैयारी
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी डॉ. राजा गणपति आर. ने मुख्य विकास अधिकारी से मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति के लिए फाइल तलब की है। डीएम का कहना है कि यदि कोई बाहर है और फिर भी उसकी उपस्थिति दर्ज की जा रही है, तो यह सीधी गड़बड़ी है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

सचिव-प्रधान की सांठगांठ से सिस्टम में भ्रष्टाचार
शोहरतगढ़ और बढ़नी के अधिकांश गांवों में मनरेगा के तहत चल रहे कार्यों में सचिव और प्रधान की जुगलबंदी से फर्जीवाड़ा आम हो चुका है। कागजों में फर्जी हाजिरी भर मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है, जिससे शासन को लाखों रुपये का चूना लग रहा है। अब प्रशासन की सख्ती से यह गठजोड़ बेनकाब होता नजर आ रहा है।

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