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जम्मू कश्मीर के एक बेहद ख़ूबसूरत टूरिस्ट प्लेस पर आतंकियों के हमले भारत के 26 नेपाल और यूनाइटेड अरब एमिरेट्स का एक नागरिक मारा गया जिसके बाद से कश्मीर सहित पूरे देश में इस आतंकी कार्यवाही का विरोध हो रहा | 
22 -23- अप्रैल, 2025 की घटना पर परमात्मा उपाध्याय की रिपोर्ट
1. भारत सरकार के प्रमुख निर्णय
– सीसीएस की आपात बैठक : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक हुई, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल हुए। बैठक में आतंकवादियों को “जोरदार जवाब” देने का संकल्प लिया गया।
पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई :
सिंधु जल समझौता रद्द : 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन नहीं छोड़ता ।
वीजा रद्द : पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा निरस्त किए गए।
पीड़ितों के लिए राहत :
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने श्रीनगर से दिल्ली/मुंबई के लिए विशेष उड़ानें शुरू कीं और एयरलाइनों को किराया न बढ़ाने के निर्देश दिए ।
मृतकों के परिवारों को मुआवजा: जम्मू-कश्मीर सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिवार को *10 लाख रुपये* देने की घोषणा की ।
2. आम कश्मीरियों पर भी पड़ा बड़ा प्रभाव
पर्यटन पर गहरा असर : स्थानीय लोगों ने चिंता जताई कि हमले से कश्मीर की अर्थव्यवस्था को झटका लगेगा। 80% से अधिक टूर बुकिंग रद्द हो चुकी हैं, और कई पर्यटकों ने घाटी छोड़ दी है।
विश्वास में गिरावट:
हर आतंकी घटना के बाद आम कश्मीरी को शक की निगाहों से देखा जाने लगता है, जिससे समाज में एक खाई बनती है। इससे सामाजिक तानाबाना कमजोर होता है।
रोज़गार पर असर:
पहलगाम और आसपास के क्षेत्रों के बहुत सारे लोग पर्यटन और उससे जुड़ी सेवाओं पर निर्भर हैं। जब टूरिस्ट नहीं आते, तो उनकी रोज़ी-रोटी पर संकट आ जाता है। ऐसी स्थित में कुछ युवा गुमराह होकर कट्टरपंथ की ओर आकर्षित हो सकते हैं| 
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
– नेपाल के PM केपी शर्मा ओली ने पीएम मोदी से बात कर संवेदना व्यक्त की।
– UAE और नेपाल के नागरिक भी हमले में मारे गए, जिससे विदेशों में भी निंदा हुई ।
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