लोकतंत्र की जड़ें हमारे वेदों एवं धर्मग्रंथों में: प्रोo हरीश कुमार शर्मा

kapilvastupost reporter

सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर में संविधान दिवस के अवसर पर शनिवार को लोक प्रशासन विभाग द्वारा “भारत लोकतंत्र की जननी” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

संगोष्ठी का शुभारंभ लोक प्रशासन विभाग की विभागाध्यक्ष एवं आजादी के अमृत महोत्सव की नोडल अधिकारी डॉo सुनीता त्रिपाठी के स्वागत वक्तव्य से हुआ। कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन करते हुए अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर हरीश कुमार शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र की जड़ें हमारे वेदों एवं धर्म ग्रंथों में मौजूद हैं।

समानता एवं सामंजस्य के लोकतांत्रिक मूल्य भारतीय जीवन प्रणाली में अनादि काल से ही विद्यमान रहे हैं। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डॉo सत्येंद्र दुबे ने प्राचीन भारत की लोकतांत्रिक संस्था सभा, समिति एवं पंचायतों की कार्यप्रणाली का विस्तार से वर्णन किया। दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ की चेयर प्रोफेसर मंजु द्विवेदी ने छात्र-छात्राओं को संविधान की प्रस्तावना का वाचन कराया।

इस अवसर पर शोधार्थी शिवकुमार, विनीता सिंह, अपर्णा पांडे, गुंजन एवं इति पांडे ने प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया। जिसमें प्रतिभा त्रिपाठी प्रथम, शालिनी पांडे द्वितीय एवं शंभू यादव तृतीय स्थान पर रहे। कार्यक्रम में औपचारिक धन्यवाद डॉo रेनू त्रिपाठी द्वारा ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन लोक प्रशासन विभाग के सहायक आचार्य डॉo रवि कांत शुक्ल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डॉo आभा द्विवेदी, डॉo मयंक कुशवाहा, डॉo अरविंद कुमार रावत आदि उपस्थित रहे।

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