बढ़नी, सिद्धार्थनगर।
ईद-उल-अज़हा के मद्देनज़र मिलावटखोरी पर लगाम कसने के उद्देश्य से खाद्य एवं रसद विभाग की गुरुवार को की गई छापेमारी अब सवालों के घेरे में आ गई है। कार्रवाई शुरू होने से पहले ही बढ़नी नगर की कई दुकानों के शटर गिरते चले गए, जिससे यह आशंका और गहरा गई कि कहीं विभाग के भीतर से ही ‘सूचना लीक’ तो नहीं हो रही।
सूत्रों के अनुसार, कुछ अधिकारियों के करीबी लोग कार्रवाई की जानकारी पहले ही चुनिंदा व्यापारियों तक पहुँचा देते हैं। यही कारण है कि जैसे ही टीम बढ़नी बाजार में पहुँची, किराना, होटल और चाय-नाश्ते की अधिकतर दुकानें बंद पाई गईं। इससे विभाग की नीयत और कार्यप्रणाली दोनों पर गंभीर प्रश्नचिन्ह लग गए हैं।
कंछल ट्रेडर्स से ही बार-बार सैंपल, क्यों?
कार्रवाई के दौरान केवल कंछल ट्रेडर्स नामक दुकान से ‘राइस राजा’ (धानी राइस ब्रान ऑयल) के दो बोतलों के सैंपल लिए गए। व्यापारी ने सवाल उठाया कि जब नगर में सैकड़ों किराना दुकानें हैं, तो हर बार सिर्फ उसी दुकान से सैंपल क्यों? उन्होंने आरोप लगाया कि अन्य दुकानों को विभागीय संरक्षण प्राप्त है और सैंपलिंग का चयन पक्षपातपूर्ण ढंग से होता है।
व्यापारियों ने की निष्पक्ष जांच की मांग
व्यापारियों का कहना है कि बीते एक वर्ष में किन-किन दुकानों से नमूने लिए गए और किन्हें बार-बार निशाना बनाया गया, इसका सार्वजनिक रिकार्ड जारी किया जाए। इससे यह साफ हो जाएगा कि विभाग की कार्रवाई पारदर्शी है या नहीं।
ईद से पहले बढ़ी सतर्कता, फिर भी लीक कैसे?
ईद-उल-अज़हा को देखते हुए मसालों और खाद्य तेलों में मिलावट की संभावना अधिक रहती है। इसीलिए जिला प्रशासन द्वारा की गई सक्रियता सराहनीय मानी जा रही थी। लेकिन विभाग के अंदर बैठे ‘मुखबिरों’ ने यदि इस प्रयास को नाकाम किया है, तो यह गंभीर चिंता का विषय है।
अब निगाहें प्रशासन की ओर
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या जिला प्रशासन खाद्य विभाग की कार्यशैली की जांच करेगा? क्या ‘मुखबिर तंत्र’ पर नकेल कसी जाएगी? आमजन की सेहत से जुड़ा यह मामला अब जिले के आला अफसरों की सख्त निगरानी और जवाबदेही की माँग कर रहा है।