बेसिक शिक्षकों ने नए प्रयोगों, आदेशों एव ऐप व डाटा फीडिंग से परेशान होकर दिया चार सूत्रीय ज्ञापन
kapilvastupost reporter
सिद्धार्थनगर। जिले के बेसिक शिक्षक नित नए प्रयोगों आदेशों एवं तमाम ऐप तथा डाटा फीडिंग से परेशान कुंठित एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ लगभग सभी विभागों द्वारा नियमित निरीक्षण कराए जाने के बावजूद सत्र आरंभ से ही निरीक्षण हेतु लगातार पत्र जारी कर निरीक्षण कराया जाता है।
इससे शिक्षक किसी भी प्रकार से हतोत्साहित एवं दबाव में नहीं है, परंतु लगातार नीचा दिखाने के उद्देश्य से संविदा कर्मियों तक से उत्पीड़नात्मक निरीक्षण कहीं से भी उचित नहीं है। मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री द्वारा घोषित योजना कैशलेस चिकित्सा बीमा प्रदान करने की जगह शिक्षकों के साथ उच्चाधिकारियों ने साजिश के तहत कैशलेस को कैसीयुक्त बना दिया।
उक्त बातें राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के पदाधिकारियों ने कही। आगे कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ इस प्रकार के भेदभाव की व्यवस्था का घोर विरोध करता है। आकांक्षी जनपद के नाम पर प्रदेश के 8 ऐसे जनपद जहां कई वर्षों से शिक्षक शिक्षिकाएं स्थानांतरण से अभी तक वंचित हैं, जिससे वह तनाव मुक्त होकर अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पा रही है।
प्रधानाध्यापक का पद लगभग सभी विद्यालयों में रिक्त है, फिर भी पदोन्नति प्रक्रिया आरंभ नहीं हो रही है ।अवकाश प्राप्त के बाद होने वाली आर्थिक असुरक्षा से भी शिक्षक चिंतित एवं तनाव युक्त है, क्योंकि लोकप्रिय पुरानी पेंशन योजना पूर्व की सरकारों द्वारा समाप्त कर दी गई है, ऐसी विषम परिस्थितियों में स्वतःस्फूर्त के साथ शिक्षक कार्य करना दुरूह हो गया है।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ शिक्षा शिक्षक एवं समाज हित में संघर्ष को सदैव तत्पर रहता है। उक्त समस्याओं के समाधान हेतु शुक्रवार को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रेषित किया गया।
उक्त कार्यक्रम में आदित्य कुमार शुक्ल, पंकज त्रिपाठी, अभय कुमार सिंह, विपुल कुमार सिंह, शिवपाल सिंह, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, सुरेंद्र प्रसाद, मनोज त्रिपाठी, रेनू मणि त्रिपाठी, सुरेंद्र गुप्ता, संतोष पांडेय, मनीष सिंह, आशीष पांडेय, अनुपम सिंह, अनुराग वर्मा, राकेश पांडेय सहित सैकड़ों की संख्या में शिक्षक शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।