सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु एवं एमप्री भोपाल के बीच हुआ एमओयू

kapilvastupost reporter

सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर तथा प्रगत पदार्थ एवं प्रक्रम अनुसंधान प्रयोगशाला (एमप्री), भोपाल के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया गया। जिसके अंतर्गत विज्ञान संकाय के सभी शिक्षकों, शोधार्थियों एवं परास्नातक स्तर के छात्रों को लाभ मिलेगा। एमओयू के अंतर्गत छात्र एवं शोधार्थी प्रयोगशाला में जाकर किसी पदार्थ विशेष के गुणों एवं उसके अनुप्रयोगों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त विज्ञान संकाय के विभिन्न विभागों के शिक्षक एमप्री प्रयोगशाला में कार्यरत वैज्ञानिकों के साथ शोध प्रारंभ कर सकते हैं। एमओयू से सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में स्थित विज्ञान संकाय में शोध की दिशा को नया आयाम मिलेगा। इस अवसर पर एमपी भोपाल के डायरेक्टर प्रोफेसर रमेश कुमार श्रीवास्तव ने देश के माननीय प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत प्रगत पदार्थ: आत्मनिर्भरता की ओर, विषय में एक एक व्याख्यान दिया जिसके उन्होंने बताया कि अपशिष्ट पदार्थों का प्रयोग करके ऐसी तकनीक विकसित की गई जो कि निर्माण क्षेत्र में एवं चिकित्सा क्षेत्र में अत्यंत सहायक है उन्होंने बताया कि पहले जो पराली जलाने से दिल्ली पंजाब हरियाणा आदि जैसे बड़े-बड़े शहरों में परिवार पर्यावरण प्रदूषित होता था आज आधुनिक तकनीक से उन्हें अब कृषि अपशिष्ट पदार्थों को प्रयोग करके फाल सीलिंग दरवाजे खिड़की आदि बनाई जा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आज लाल मिट्टी एवं फ्लाई ऐश (औद्योगिक अपशिष्ट पदार्थ) का मिश्रण उच्चतम स्तर में प्रयोग किए जाने वाली सीमेंट का स्थान ले सकता है। यह मिश्रण निर्माण कीमत को काफी कम कर सकता है क्योंकि दो औद्योगिक अपशिष्ट स्वतंत्र रूप से उपलब्ध हैं और उद्योगों को इसके निपटान में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रोफेसर अवनीश ने कहा कि हम देख सकते हैं, कि इस प्रकार पदार्थ प्रक्रम क्षेत्र में भी भारत आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है।
ज्ञात हो कि एमप्री भोपाल अवस्थित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान करने वाली सीएसआईआर की प्रयोगशाला है, यहां नैनो सामग्री विकास, नैनो प्रौद्योगिकी, एनएमएस एवं एनएमएस पदार्थ प्रतिरूपण एवं डिजाइन अनुकृत पदार्थ आदि जैसे अधिक नवीन क्षेत्रों में कार्य करती है। जो कि बुनियादी अनुसंधान में लेकर व्यवसाय विकास तक सहायक है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि एमप्री भोपाल हमारे साथ कार्य करने के लिए तैयार है इसके लिए एमप्री भोपाल के निदेशक प्रोफेसर अवनीश कुमार श्रीवास्तव का विश्वविद्यालय हृदय से आभारी है। कार्यक्रम का संचालन विज्ञान संकाय के संकायाध्यक्ष प्रोफेसर देवेश कुमार ने किया । कार्यक्रम में विज्ञान संकाय से प्रोफेसर प्रकृति राय, डॉ कौशलेद्र चतुर्वेदी, डॉ जितेंद्र सिंह लक्ष्मण सिंह, कला संकाय से प्रोफेसर हरीश कुमार शर्मा, डॉक्टर सत्येंद्र दुबे डॉक्टर नीता यादव डॉक्टर सुनीता त्रिपाठी एवं वाणिज्य संकाय से डॉक्टर मनीष शर्मा जी सहित सभी सहायक आचार्य, शिक्षणेत्तर कर्मी आदि उपस्थित रहे।

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