सिद्धार्थ विश्वविद्यालय का प्रथम वार्षिक उत्सव समपन्न
kapilvastupost reporter
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के प्रथम वार्षिक उत्सव में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने अपनी प्रस्तुतियों और कला कौशल के प्रदर्शन के द्वारा उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रकार के आयोजन संपन्न हुए।
जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियां बहुत ही मनमोहक रहीं। छात्रों और शिक्षकों ने अलग-अलग अपने प्रस्तुति के माध्यम से संपूर्ण भारतीय लोक संस्कृति का प्रदर्शन करते हुए उपस्थित दर्शकों का मन मोह लिया। भारत की विविधता में एकता और एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को मंचीय माध्यम से साकार करते हुए भारत की विभिन्न प्रकार के लोक नृत्य जिसमें बिहू, घूमर, राधा कृष्ण भक्ति, राम भक्ति के साथ-साथ हास्य वेदना और उमंग रस के द्वारा खूब मनोरंजन उपस्थित लोगों का कराया। असमिया नृत्य बिहू और राजस्थानी नृत्य घूमर की प्रस्तुति द्वारा शिवांगी त्रिपाठी और उनकी पूरी टीम ने उपस्थित सभी श्रोताओं की खूब सराहना प्राप्त की। युगलनृत्य में रुपाली और शिवांगी की प्रस्तुति लाजवाब रही।
वहीं एकल नृत्य में साक्षी मिश्रा साक्षी पांडे सोनाली कसौधन ज्योति दुबे अभिषेक रस्तोगी का प्रदर्शन भी बहुत ही सराहनीय रहा। शिव तांडव के माध्यम से विवेक नाथ अग्रहरी ने उपस्थित दर्शकों के रोंगटे खड़े कर दिए। वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी की।
डॉ रक्षा और डॉक्टर विनीता का कृष्ण भक्ति पर युगल नृत्य की सराहना सभी ने किया। भारत के ग्रामीण परिवेश की समस्याओं को उजागर करने वाला डॉक्टर फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी पंचलाइट का मंचन सबसे अद्भुत कार्यक्रम था जिसमें डॉक्टर सत्येंद्र दुबे, डॉक्टर शिवम शुक्ला, डॉक्टर दिनेश, डॉ यशवंत, डॉ बन्दना, डॉ दीप्ति, डॉ विनीता की प्रस्तुतियों को सभी के सराहना के केंद्र में रही।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना एवं विश्वविद्यालय के कुलगीत जिसकी प्रस्तुति शकीला, निधि, साक्षी, साकेत मिश्रा एवं निवेदिता श्रीवास्तव द्वारा किया गया। वाणिज्य संकाय के छात्रों द्वारा प्रस्तुत हमारा स्कूल नाटक को भी खूब सराहा गया। इससे पूर्व वार्षिक कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति एकादश और कुलसचिव एकादश के बीच टी ट्वेन्टी क्रिकेट मैच के साथ प्रारंभ हुआ। जिसमें कुलपति एकादश ने कुलसचिव एकादश को 69 रन से पराजित किया। इसके उपरांत शिक्षकों और छात्र छात्राओं एवं कर्मचारियों के लिए अलग-अलग मनोरंजन गेम आयोजित किए गए।
जिसमें म्यूजिकल चेयर रेस, घड़ा फोड़ प्रतियोगिता, किंस प्रतियोगिता सभी ने बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी की। वार्षिक उत्सव के समापन अवसर पर कुलपति प्रोफेसर हरि बहादुर श्रीवास्तव ने कहा कि भारत की ज्ञान परंपरा में विषय ज्ञान के साथ-साथ इस प्रकार के कला कौशलों का भी हमेशा से महत्व रहा है। वर्तमान समय में ऐसे सांस्कृतिक और अभिनय मंचन की विशेष महत्ता है। मानसिक स्वास्थ्य और और दिव्य ज्ञान के लिए मनोरंजन के साथ-साथ कला कौशल के माध्यम से निखारने का अवसर इस प्रकार के कार्यक्रम देते हैं। अभी तक विश्वविद्यालय परिसर में शिक्षकों और विद्यार्थियों के इस प्रकार के कौशल से हम अनभिज्ञ थे। भविष्य में भी सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कला के क्षेत्र में भी विद्यार्थियों को आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करने का निरंतर प्रयास करेगा।
नाट्य मंचन नृत्य और अन्य कलाओं को बढ़ावा देने का भी विश्वविद्यालय का निरंतर प्रयास रहेगा। इस अवसर पर कुलसचिव डॉक्टर अमरेंद्र कुमार सिंह अधिष्ठाता कला संकाय हरीश कुमार शर्मा, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय एवं कुल अनुशासन प्रो दीपक बाबू, डॉ. मंजू मिश्रा अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो देवेश कुमार सहित विश्व विद्यालय परिवार के समस्त शिक्षक कर्मचारी सपरिवार तथा और उनके अभिभावकगण भी उपस्थित रहे।