

सिद्धार्थनगर – आपदा जोखिम प्रबन्धन में महिलाओं का नेतृत्व तथा व्यापक सहभागिता का केन्द्रीकरण, महिला स्वयं सहायता समूहों की आपदा जोखिम न्यूनीकरण में भूमिका विषय पर उ0प्र0 राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण सिद्धार्थनगर की सहभागिता से एक दिवसीय मंडल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मुख्य विकास अधिकारी जयेन्द्र कुमार की अध्यक्षता एवं अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) श्री उमाशंकर, अपर जिलाधिकारी(वि0/रा0) बस्ती कमलेश चन्द्र, परियोजना निदेशक, उ0प्र0 राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की उपस्थिति में लोहिया कला भवन में सम्पन्न हुआ।
इसलिए आपदा से पहले इससे निपटने की तैयारी करनी चाहिए, आपदा के समय भी सावधानी पूर्वक प्रबन्धन करना चाहिए, आपदा के बाद भी विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। आपदा से रोकथाम के लिए जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण सिद्धार्थनगर एवं एन0डी0आ0एफ0 के माध्यम से लागों को प्रशिक्षित किया जाता है जिसके माध्यम से घरेलू उपकरणों के माध्यम से आपदा से निपटा जा सकता है।
बाढ़ के दौरान संक्रामक रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है जिसके लिए क्लोरीन युक्त पानी का इस्तेमाल कर, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कर प्रबन्धन किया जा सकता है।
प्राकृतिक आपदा में अति वृष्टि के कारण बाढ़, बज्रपात, लू, कोहरा, आदि को रोका नहीं जा सकता है लेकिन उचित प्रबन्ध करके कम किया जा सकता है। अप्राकृतिक आपदा स्वयं द्वारा उत्पन्न होती है जिसमें मोटर दुर्घटना, पानी में डूबना, आग लगना आदि घटनाएं होती हैं जिनको हम रोक सकते हैं।
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