बच्चों में अंतर रखने में अंतरा इंजेक्शन कारगर

👉बेहतर मोटिवेशन से त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन की बढ़ रही हैं लाभार्थी

👉पिछले वर्ष की तुलना के सापेक्ष इस वर्ष अधिक महिलाओं ने अपनाया अंतरा इंजेक्शन

जे पी गुप्ता

सिद्धार्थनगर। परिवार नियोजन में अंतरा इंजेक्शन महिलाओं की पसंद बनने लगी है। भय और भ्रांति के कारण कतराने वाली महिलाएं भी अब इसका महत्व समझ इसे अपना रहीं हैं। इसमें स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा लाभार्थी के साथ बेहतर मोटिवेशन भी कारगर साबित हो रहा है। वहीं लाभार्थी भी बता रही हैं कि दो बच्चों के बीच अंतर रखने व अनजाहा गर्भ रोकने में त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन कारगर है। इसके चलते पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष गर्भ निरोधक इंजेक्शन लेने वाली लाभार्थी महिलाओं की संख्या बढ़ी है।

स्वास्थ्य विभाग परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए समुदाय को जागरूक करने के साथ-साथ स्थाई व अस्थाई दोनों विधियों की सेवाएं प्रदान कर रहा है। स्थाई विधि में नसबंदी है, जबकि अस्थाई विधि में कॉपर टी, त्रैमासिक गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन, माला डी, माला एन और कंडोम आदि का प्रयोग किया जा रहा है।
शोहरतगढ़ क्षेत्र के पल्टा देवी उपकेंद्र पर तैनात एएनएम गीता गुप्ता बताती हैं कि शुरूआती दौर में लाभार्थी को अंतरा इंजेक्शन का लाभ देने में बड़ी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं। महिला माहवारी के दौरान अधिक रक्तस्राव होने के चलते इंजेक्शन लेने से घबराती हैं। इसके अलावा इंजेक्शन के प्रतिकूल प्रभाव का हवाला देकर पीछे हटती हैं। जब उन्हें समझाया जाता है कि माहवारी में अधिक रक्तस्राव इंजेक्शन का असर है। यह सिर्फ हार्मोलन असर है जो हानीकारक नहीं हैं, तो महिलाएं तैयार हो जाती हैं। इसके साथ पहली बार अंतरा लगवाने वाली महिला को दो बच्चों के बीच अंतर रखने में होने वाले फायदे भी समझाए जाते हैं। शोहरतगढ़ क्षेत्र के शिवनगर की लाभार्थी संगीता बताती हैं कि दो बच्चों के बीच अंतर रखने के लिए वह दो साल से अधिक समय से त्रैमासिक अंतरा का लाभ ले रही हैं। पहली बार माहवारी के दौरान अधिक रक्तस्राव होने पर वह घबरा गईं थी, लेकिन उन्हें जब सही परामर्श मिला तो यह डर धीरे-धीरे समाप्त हो गया। अब वह अंतरा के साथ सामान्य जीवन जी रही हैं।
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74.85 फीसदी महिलाओं में बढ़ी अंतरा के प्रति रूचि
वर्ष 2020-21 में अप्रैल से लेकर मार्च माह तक 6050 महिलाओं ने अंतरा का लाभ लिया था, जबकि वर्ष 2021-22 में अप्रैल से जनवरी तक 4117 महिलाओं ने अंतरा के प्रति रूचि दिखाई है। इस वर्ष के एक्सपेक्टेड लेवल ऑफ एचीवमेंट (वार्षिक कार्यभार) में 5500 के सापेक्ष अब तक 74.85 फीसदी महिलाओं की अंतरा के प्रति रूझान बढ़ा है।
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हर डोज पर 100 रूपये प्रोत्साहन राशि
त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन का लाभ लेने वाली महिलाओं को प्रति डोज लगवाने पर 100 रूपये की प्रोत्साहन राशि विभाग द्वारा दी जाती है। लाभार्थी के साथ आशा को भी प्रति डोज पर 100 रूपये की प्रोत्साहन राशि विभाग दे रहा है। महिला व आशा हर तीन माह पर त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन लगवाकर लाभ प्राप्त कर सकती हैं।
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त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन लग जाने के बाद लाभार्थी को तीन माह तक अनचाहा गर्भ नहीं ठहरता है। लाभार्थी इसका अधिक से अधिक लाभ उठाएं, इसके लिए बेहतर मोटिवेशन जरूरी है। जिले में कई स्वास्थ्य केंद्रों पर बेहतर मोटिवेशन के चलते अंतरा के प्रति महिलाओं की रूचि लगातार बढ़ रही है। परिवार नियोजन के कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) सपोर्ट कर रही है।
राजेश शर्मा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक

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