आईसीएमआर के वैज्ञानिकों समेत पांच सदस्यीय टीम ने तीसरी बार ब्लड सैंपल लिया
आज से लगभग दो साल पहले क्रोना के दूसरे लहर के दौरान कोविद का प्रथम टीका लग रहा था जो दूसरे कंपनी का लगा था और दूसरा डोज दूसरी कंपनी का लग गया था जिसके कारण से icmr द्वारा लगातार परीक्षण कर मानब शरीर के अंदर किसी बदलाव या परिवर्तन के बारे में सूचना एकत्रित किया जा रहा है।
मीडिया मैन
परसा -भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) गोरखपुर ने शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र के औदही कला गांव में 20 लोगों को दूसरे डोज में दूसरी कंपनी का टीका लगाने के मामले में तीसरी बार ब्लड सैंपल लिया। टीका लगवाने वाले लोगों को एंटीजन टाइटल हो रहा है। आईसीएमआर के दो वैज्ञानिकों समेत पांच सदस्यीय टीम ने बुधवार को गांव में तीसरी बार ब्लड सैंपल लिया।
बढ़नी पीएचसी के अंतर्गत गांव के उपकेंद्र में बीते 14 मई 2021 को लापरवाही के कारण 20 लोगों को कोवैक्सिन का टीका लगा दिया गया, जबकि उन्हें पहली डोल कोविशिल्ड की लगी थी। उसके बाद यह गांव अचानक चर्चा में आ गया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर सचिव अमित मोहन प्रसाद ने आईसीएमआर के डीजी को पत्र भेजकर औदही कलां में स्वास्थ्य कर्मियों के लापरवाही का शिकार हुए लोगों की समुचित जांच करने का निर्देश दिया है।
इस दौरान सभी 20 लोगों को एंटीजन सहित कुल सात प्रकार की जांच हुई। बुधवार को बढ़नी पीएचसी के एमओआईसी डा.अविनाश चौधरी की मौजूदगी में सभी 13 लोगों के खून का सैंपल लिया गया। आईसीएमआर गोरखपुर की पांच सदस्यीय टीम वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गौरव राज द्विवेदी के नेतृत्व में पहुंची।
सबसे पहले टीम ने कोरोना से बचाव के लिए अलग-अलग कंपनियों के दोनों डोज लगवाने वाले औदही कलां के 13 लोगों से मुलाकात की। टीम ने ब्लड सैंपल को हीरो कन्वर्जन की जांच के लिए आईसीएमआर के एनआईवी केंद्र पुणे भेजा। आईसीएमआर गोरखपुर के वैज्ञानिक डॉ. राजीव सिंह ने बताया कि काकटेल के शिकार हुए 20 लोगों का कुल चार बार आईसीएमआर की टीम ने जांच किया है।
दूसरी बार एक माह बाद, तीसरी बार छह माह बाद और फिर एक वर्ष बाद जांच की गई है। इस दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक गौरव द्विवेदी,डा.राजीव सिंह,डा.एसपी बेहरा, रविशंकर,एम्बिशात फातिमा, कमलेश,इशान,
ओंकार,सत्येन्द्र,संतोष,श्रीनावासन,आशा गायत्री देवी आदि लोग मौजूद रहीं।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) गोरखपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ गौरव द्विवेदी ने बताया कि जिनको एक ही कंपनी के दोनों डोज लगे हैं। उनसे अच्छा रिस्पांस औदही कलां में 20 लोगों का है।जांच रिपोर्ट के बाद अच्छा रिस्पांस मिलने के बाद से ही दोनों खुराक अलग-अलग कंपनियों के लगवाने की छूट देने की योजना सरकार ने बनाया है।