जिले के 29.31 लाख लोगों को खिलाई जायेगी फाइलेरिया से बचाव की दवा
दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती व गंभीर बीमार को छोड़ सभी को आशा कार्यकर्ता खिलाएंगी दवा 12 मई से शुरू हो रहे एमडीए राउंड के दौरान घर-घर जाकर सामने खिलाई जाएगी दवा
जे पी गुप्ता
फ़ायलेरियाउन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग 12 मई से मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए राउंड) अभियान शुरू कर रहा है। पखवाड़े भर चलने वाले इस अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता घर-घर भ्रमण कर अपने सामने 29.31 लाख की आबादी को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएंगी। इस अभियान में दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती व बीमार को छोड़कर सभी को दवा खिलाई जाएगी। यह जानकारी सीएमओ कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में सीएमओ डॉ. एके चौधरी ने दी।
डॉचौधरीने बताया कि वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (वीबीडीसी) के तहत फाइलेरिया के खात्मे के लिए एमडीए अभियान शुरू किया जा रहा है। 27 मई तक चलने वाले इस अभियान में आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर फाइलेरिया सेबचाव की दवा डीईसी व पेट के कीड़े निकालने की दवा एल्बेंडाजोल अपनी मौजूदगी में खिलाएंगी।
यह दवा दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमारी वाले लोगों को नहीं खिलानी हैसीएमओ ने बताया कि इस अभियान में आशा कार्यकर्ता सोमवार, मंगलवार, गुरुवार व शुक्रवार को घर-घर जाकर दवा खिलाएंगी।दवा नास्ता या भोजन करने के बाद यानी सुबह 11बजे से शाम 4 बजे के बीच खिलाई जाएगी। इस दौरान प्रति टीम हर दिन 25 घर कवर करेगी।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) सुनील चौधरी ने बताया कि एमडीए कार्यक्रम की सफलता के लिए लोगों का इस बीमारी की गंभीरता व अभियान से होने वाले फायदे के बारे में जागरूक होना जरूरी है।समुदाय स्तर तक एमडीए कार्यक्रम से संबंधित बातें पहुंचाने में संचार माध्यमों व समाचार पत्रों की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण है।
इस अभियान को सफल बनाने में मीडिया के लोग अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए स्वंय दवा खाने के साथ-साथ और लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें। इस दौरान एसीएमओ डॉ. डीके चौधरी, एसीएमओ डा. वीएन चतुर्वेदी, सहायक मलेरिया अधिकारी अनिल श्रीवास्तव, एपीडोमोलाजिस्ट समीर सिंह, डीसीपीएम मानबहादुर, पाथ संस्था के मंडलीय समन्वयक डॉ. रविराज सिंह आदि मौजूद रहे ।
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इस तरह करना है दवा का सेवन
अभियान में दो से पांच वर्ष तक के बच्चों को एक एल्बेंडाजोल (पेट के कीड़े निकालने की दवा) व एक डीईसी (फाइलेरिया से बचाव की दवा) खिलाई जाएगी। पांच से 15 वर्ष के बीच के लोगों को एक एल्बेंडाजोल व दो डीईसी की खुराक लेनी है। 15 वर्ष से अधिक उम्र वालों को एक एल्बेंडाजोल व तीन डीईसी की खुराक खानी है। सभी दवाएं एक साथ खानी है| डीईसी की खुराक पानी के साथ खाने के बाद तुरंत एल्बेंडाजोल को चबा कर खाना है।
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इनका अभियान में रखें विशेष ध्यान
दो साल से कम उम्र के बच्चों को दवा न खिलाएं।
किसी भी दशा में दवा खाली पेट न खाएं।
गर्भवती व गंभीर मरीज को दवा न खिलाएं।
दवा खाने के बाद बुखार, खुजली सामान्य समस्या है, परेशान न हों।
बुखार, बेचैनी, उलझन सामान्य समस्या, चार घंटे में होगे दूर।
दवा खाने के बाद अधिक दिक्कत होने पर चिकित्सक की सलाह लें।
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फाइलेरिया के लक्षण
फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। सामान्य दिखने वाले संक्रमित व्यक्ति को काटने के बाद वही मच्छर अगर स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो स्वस्थ व्यक्ति के भी संक्रमित होने की आशंका रहती है। सामान्य तौर पर इसे हाथी पांव के नाम से भी जाना जाता है। इसमें शरीर के किसी भी अंग पैर, हाथ, अंडकोष में सूजन आ जाती है। इसमें बाद में जख्म हो जाते हैं। व्यक्ति के संक्रमित होने के बाद बीमारी होने में पांच से 15 साल तक लग सकते हैं।
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यह करें बचाव
फाइलेरिया से बचाव के लिए एमडीए राउंड के के दौरान साल में एक बार लगातार पांच साल तक दवा का सेवन करें और फाइलेरिया से सुरक्षित रहें
सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें।
घर के आस-पास दूषित पानी जमा न होने दें।
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अभियान एक नजर में-
लक्षित आबादी- 29.31 लाख
टीम- 2345 (हर टीम में दो सदस्य)
सुपरवाइजर- 390
दवा खाने का समय- सुबह 11 से शाम चार बजे तक।