सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में ग्रीष्मावकाश में भी चलेंगी ऑनलाइन कक्षाएं
जे पी गुप्ता
सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु सिद्धार्थनगर में गुरुवार को कला संकाय के शिक्षकों के साथ बैठक को सम्बोधित करते हुए डीन प्रोफेसर हरीश कुमार शर्मा ने कहा कि आगामी 17 मई से विश्विद्यालय में ग्रीष्मावकाश हो रहा है। लेकिन विद्यार्थियों की परीक्षाएं जून के अंतिम सप्ताह में प्रस्तावित है। इसलिए उनके पाठ्यक्रम पूर्ण होना आवश्यक है।
ऐसी स्थिति में विश्विद्यालय परिसर के कला संकाय के शिक्षक अपनी कक्षाएं ऑनलाइन पढ़ाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन कक्षा का समय निर्धारित करते समय विद्यार्थियों की सुविधा का ध्यान रखा जाना चाहिए।
प्रोफेसर हरीश कुमार शर्मा ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए भी कहा कि यदि कोई शिक्षक किसी दिन व्यस्त हैं तो उस दिन की पाठ्यक्रम का रिकार्डेड वीडियो अपलोड किया जा सकता है । अवकाश के समय पर्याप्त अवसर और समय रहता है अध्ययन के लिए इसलिए शिक्षक यथासंभव अवकाश में अपने विषय का अधिक से अधिक ध्यान करें। जितना गहरा अध्ययन होगा विद्यार्थियों को उतना ही लाभ होगा और जब विद्यार्थी अन्यत्र शिक्षकों की प्रशंसा करने लगे यह मानना चाहिए कि शिक्षकों का परिश्रम सार्थक हो रहा है ।
ग्रीष्मावकाश के मध्य ही पाठ्यक्रम पूर्ण किया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि अधिष्ठाता कला संकाय का एक नवीन व्हाट्सएप ग्रुप होगा जिस पर शिक्षक दिन कक्षाओं का विवरण स्क्रीनशॉट उपस्थिति तैयारी प्रेषित करेंगे । इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि परास्नातक के पाठ्यक्रम भी बना लिया जाए। विभिन्न विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्रभारियों ने बताया कि के पाठ्यक्रम की डिजाइन लगभग बन चुकी है जल्द ही पाठ्यक्रम समिति की बैठक के अंतिम स्वरूप प्रदान किया जाएगा।
प्रो हरि कुमार शर्मा ने कहा कि आंतरिक परीक्षा की योजना भी बना ली जाए । इससे पूर्व परीक्षा समिति की बैठक में स्नातक द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षाएं बहुविकल्पीय कराने का निर्णय लिया है। इसका सबसे प्रमुख कारण यह है कि आगामी 5 अगस्त से नवीन सत्र प्रारंभ होना है।
इसलिए पाठ्यक्रम पूर्ण कर के समय से परीक्षा कराकर मूल्यांकन और परिणाम देने भी आवश्यक है। बहुविकल्पीय प्रश्नों की उत्तर पुस्तिका कंप्यूटर से चेक की जाती हैं । परीक्षा परिणाम यथा शीघ्र निकल सकता है। बैठक में प्राचीन इतिहास की अध्यक्ष डॉ नीता यादव, लोक प्रशासन के अध्यक्ष डॉ सुनीता त्रिपाठी, इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद चौबे, राजनीति विज्ञान के प्रभारी डॉ अविनाश प्रताप सिंह, संस्कृत विभाग की प्रभारी डॉ आभा द्विवेदी, अंग्रेजी विभाग के प्रभारी डॉ हृदयकांत पांडेय, समाज शास्त्र विभाग के प्रभारी डॉ प्रदीप पांडेय, मनोविज्ञान विभाग के प्रभारी डॉ हरेंद्र शर्मा सहित डॉ सन्तोष सिंह, डॉ जय सिंह यादव, डॉ शरदेन्दु त्रिपाठी, डॉ अमित साहनी, डॉ धर्मेंद्र वर्मा, डॉ बन्दना गुप्ता, डॉ सरिता सिंह, डॉ रवि कांत शुक्ला, सहित कला संकाय के शिक्षक उपस्थित रहे।