विधायक विनय वर्मा ने बाढ़ ग्रस्त गाँवों का किया दौरा कहा विभागीय प्रयास नाकाफी

पूर्व में बानगंगा नदी पर बांध से सटे गाँव भी बाढ़ की विभीषिका झेल रहे थे नदी का कटान इस कदर हो गया था की नदी की धारा बाँध से सटे बहती थी परन्तु जब से बानगंगा नदी की धारा का प्रवाह रास्ता बदलकर इस तबाही से बहुत हद तक बचा लिया गया है और इसकी लागत भी अन्य उपायों की तुलना में कम आएगी आज बानगंगा नदी बाढ़ से बचाव का बेहतरीन उदाहरण है |

विशाल दुबे बानगंगा

शोहरतगढ़ विधायक विनय वर्मा ने अपने सहयोगियों और विभागीय अधिकारीयों के साथ अपने विधान सभा क्षेत्र अंतर्गत खैरी शीतल प्रसाद , भूतहवा , झुन्गह्वा , प्रताप पुर आदि बाढ़ ग्रस्त गाँव का दौरा किया इस दौरान नदी की कटान से आम जनमानस के लिए खतरे और बचाव कार्यों को लेकर फोकस किया |

बढ़नी ब्लॉक अंतर्गत खैरी शीतल प्रसाद ग्रामसभा जो बूढ़ी राप्ती व घोरही नदी के किनारे स्थित है। बंधे पर रूक कर मौजूदा हालातों का जायज़ा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि नदी के कटान को रोकने के लिए अस्थायी तौर पर मिट्टी या रेत से भरे बोरियों को बांस के सहारे रोका गया है। ज्ञात हो कि कटान से रोकने के लिए 300 मीटर की दूरी के अस्थाई ठोकर ड्रेनेज खंड द्वारा लगभग 20 लाख रुपए की लागत से बनवाया जा रहा है। बांस का यह ठोकर बारीश होने या फिर नदी में पानी के स्तर बढ़ने के बाद गलना-और टूटना शुरु हो जाता है। जबकि बाढ़ को रोकने की यह पुरातन व्यस्था है जिसे विधायक ने ख़ारिज किया और मौजूदा दौर के वैज्ञानिक तकनीक के आधार पर नदीके किनारे ठोकर बनाने की बात कही |

ग्रामीणों द्वारा इस कटान को रोकने हेतु सुझाये गये स्थाई उपायों के संज्ञान में हमने त्वरित कार्यवाही करते हुए ज़िलाधिकारी महोदय सिद्धार्थनगर को पत्र लिखकर कटान को रोकने हेतु सीमेंट से भरे बोरियों का उपयोग में लाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने को कहा है।

बताते चलें की विनय वर्मा निहायत ही संवेदनशील व्यक्ति होने के साथ ही काफी जानकार भी हैं उनकी संवेदनशीलता और जानकारी व तत्परता से आम जनता को आने वाले समय में लाभ ही लाभ होगा इस बार बाढ़ से कटान को कम से कम करना और बाद के दौरान राहत और बचाव कार्यों को बड़े पैमाने पर जमीन पर उतरना उनकी कोशिश है |

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